कुंदन कुमार, पटना. BPSC Movement: 70वीं बीपीएससी री-एग्जाम को लेकर धरने पर बैठे छात्रों ने अब नए बैनर संयुक्त युवा सत्याग्रह मोर्चा के तले आंदोलन करने का निर्णय लिया है. आज शनिवार को इस विषय पर प्रेस वार्ता करते हुए अमन कुमार ने बताया कि, सभी पार्टियों के छात्र इकाई ने हम लोगों को लिखित और मौखिक रूप से इस आंदोलन का समर्थन दिया हैं. कई छात्र संगठन अब हम लोगों को समर्थन देने गर्दनीबाग धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन भी करेंगे.

कोई राजनीतिक दल नहीं होगा शामिल

अमन कुमार ने साफ-साफ कहा कि, जब तक सरकार छात्रों की मांग को ठीक से नहीं सुनेगी तब तक हम लोगों का आंदोलन जारी रहेगा और अब इस आंदोलन में कहीं से भी कोई राजनीतिक दल के नेता शामिल नहीं होंगे. जितने भी हम लोग हैं वह छात्र संगठन के रहेंगे और छात्र संगठन के जरिए ही एक बार फिर से बीपीएससी के खिलाफ आवाज बुलंद करने का काम हम लोग करेंगे.

आंदोलन में शामिल हुए थे नेता और शिक्षक

गौरतलब है कि इससे पहले हो रहे छात्र आंदोलन को राजनीतिक पार्टियों और बिहार के मशहूर शिक्षकों का सहारा मिल रहा था. पप्पू यादव, प्रशांत किशोर और शिक्षकों में खान सर, गुरु रहमान समेत अन्य लोग कई बार धरना स्थल गर्दनीबाग पहुंचे और समय-समय पर आंदोलन को लेकर बीपीएससी और बिहार सरकार पर सवाल उठाते रहे, जिससे कही न कही छात्रों का आंदोलन कमजोर पड़ गया.

बीपीएससी ने प्रशांत किशोर को भेजा नोटिस

वहीं, दूसरी तरफ आज बिहार लोक सेवा आयोग ने प्रशांत किशोर को लीगल नोटिस भेजा है, जिसमें प्रशांत किशोर द्वारा बिहार लोक सेवा आयोग पर लगाए गए आरोप का साक्ष्य देने को कहा गया है. इसके साथ ही बीपीएससी ने प्रशांत किशोर को वीडियो क्लिप भी भेजा है. 

जिसमें प्रशांत किशोर ने बीपीएससी पर नौकरियों को एक से डेढ़ करोड़ में बेचने और हजार करोड़ से अधिक रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है. प्रशांत किशोर द्वारा पीटी परीक्षा साक्ष्य नहीं देने पर बीपीएससी आईटी अधिनियम सहित अन्य अधिनियम के तहत कार्रवाई की अनुशंसा करेगी. पीके को 7 दिनों के अंदर जवाब देने का समय दिया गया है.

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