Mahakumbh 2025:  मौनी अमावस्या के बाद इस दिन होगा आखिरी अमृत स्नान

महाकुंभ में अमृत स्नान का खासा महत्व होता है

इस अमृत स्नान के लिए साधु-संत का जमावड़ा लगा रहता है

प्रयागराज के महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति की तिथि पर हो चुका है

इस दौरान 3.5 करोड़ लोगों ने अमृत स्नान किया

29 जनवरी को दूसरा अमृत स्नान है, इस दिन मौनी अमावस्या तिथि भी पड़ रही है

अनुमान लगाया है कि दूसरे अमृत स्नान में 8 करोड़ से अधिक लोगों के आने की संभावना है

इसके बाद तीसरे अमृत स्नान का इंतजार रहेगा, जो बंसत पंचमी तिथि 3 फरवरी को पड़ रही है

महाकुंभ के बाद नागा अपने-अपने अखाड़ों की ओर प्रस्थान करेंगे और फिर वहां से अनजान वन, गुफा और हिमालय की कंदराओं में तपस्या करने चले जाएंगे