राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। Saurabh Sharma Court Statement: परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लोकायुक्त ने 41 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया। लंबी पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान उसने कोर्ट को बताया कि जंगल में मिली गाड़ी से जो 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश बरामद हुआ है, वह उसका नहीं है। अन्य जो प्रॉपर्टी और नगदी मिली है, उसका पूरा हिसाब उसके पास है। 

वकील का तर्क- सौरभ तो सिर्फ मोहरा है

वहीं, सौरभ शर्मा के वकील राकेश पराशर ने कोर्ट में तर्क दिया कि सौरभ तो सिर्फ मोहरा है। जिन लोगों को नाम सामने आने का डर है, उनसे सौरभ को जान का खतरा है। फिलहाल सौरभ और उसका सहयोगी चेतन शर्मा 4 फरवरी तक लोकायुक्त की रिमांड पर है। इस दौरान उससे पूछताछ की जाएगी और 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश का राज उगलवाने की कोशिश की जाएगी। 

अब ये राज खुलना बाकी

चेक पोस्ट की रसीद उसके घर कैसे पहुंची?
कितने चेक पोस्ट से पैसे कलेक्ट करता था?
पूरे नेटवर्क में कौन-कौन लोग शामिल थे?
चेक पोस्ट का कितना पैसा किसको जाता था?

कल फिल्मी स्टाइल में हुई थी गिरफ्तारी

दरअसल, सौरभ शर्मा सोमवार को कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचा था। लेकिन आवेदन के बाद अदालत ने जांच एजेंसी से डायरी मंगवाई थी, जिसके बाद उसे अगले दिन आने के लिए कहा। वकील के मुताबिक, सुबह 11 बजे जैसे ही सौरभ कोर्ट जा रहा था। लोकायुक्त ने उसे बाहर से ही गिरफ्तार कर लिया और लोकायुक्त ऑफिस ले गयी। जहां उससे 5 घंटे तक पूछताछ की गई। उसकी निशानदेही पर उसके साथी चेतन गौर को भी हिरासत में लिया गया।

लोकायुक्त को मिली सौरभकी रिमांड

सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन गौर को कोर्ट ने सात दिन की रिमांड पर भेज दिया है। प्रथम जिला एवं अपर सत्र जज राम प्रताप मिश्र की कोर्ट में सुनवाई चली। अब पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। 

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