प्रयागराज। महाकुंभ में मची भगदड़ से पश्चिम बंगाल के दो महिलाओं की मौत हो गई। मृत महिलाओं के परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है। उनका कहना है कि हमें डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया। दस्तावेज के नाम पर केवल शव सौंपने का कागज थमा दिया गया। वहीं पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री ने यूपी सरकार पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए है।

मृत महिलाओं की पहचान बसंती पोद्दार और उर्मिला भुनिया के रूप में हुई है। कोलकाता निवासी बसंती पोद्दार के बेटे सुर्जीत ने कहा कि मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। जिस दौरान यह घटना हुई। उस दौरान न कोई पुलिस और न ही प्रशासन के कोई अधिकारी मौजूद नहीं थे। जब भगदड़ मची तब कोई पुलिसकर्मी नहीं था। युवक ने आगे कहा कि अगर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते तो इस प्रकार की कोई घटना नहीं होती।

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नहीं थी सुरक्षा की कोई व्यवस्था

सुर्जीत ने रुंधे हुए गले से कहा कि मेरी मां वहां 45 मिनट तक पड़ी रहीं, लेकिन किसी प्रकार की सहायत नहीं मिली। उनके ऊपर तीन लोग और गिर गए थे। आस-पास मौजूद लोगों ने मुझे 15 मिनट बाद उठाया। तब भी वहां पर पुलिस नहीं आई थी। स्थानीय लोगों की मदद से हमने मां को अस्पताल पहुंचाया और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया।

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ममता बनर्जी ने कही ये बात

ममता बनर्जी ने महाकुंभ हादसे को लेकर कहा कि महाकुंभ में हुई दुखद भगदड़ के बारे में जानकर मुझे बहुत दुख हुआ है, जिसमें कम से कम 15 निर्दोष लोगों की जान चली गई। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त तीर्थयात्रियों के परिवारों के साथ हैं। गंगासागर मेले से मेरी सीख यह है कि लोगों की विशाल भीड़ में तीर्थयात्रियों के जीवन से संबंधित मामलों में अधिकतम योजना और देखभाल होनी चाहिए।