Lalit Modi News: एक कहावत है- ना घर के, ना घाट के… कुछ ऐसा ही हाल अभी आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी का है। भारत के भगोड़े ने भारत का पासपोर्ट सरेंडर कर एक छोटे से देश वानुआतु (Vanuatu) की नागरिकता ले ली थी। हालांकि उसकी कारस्तानी, जब वानुआतु पीएम (Vanuatu PM) जोथम नापत को लगी तो उन्होंने नागरिकता आयोग को ललित मोदी का पासपोर्ट तुरंत रद्द करने का आदेश दिया है। इसी के साथ ही मोदी का वानुआतु में बसने का सपना चकनाचूर होकर रह गया।

वनुआतु के दैनिक अखबार वनुआतु डेली पोस्ट ने अपने फेसबुक पोस्ट में इससे जुड़ी जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, न्यूजीलैंड में भारत की उच्चायुक्त नीता भूषण ने कुछ अन्य द्वीपीय देशों के साथ मिलकर ललित मोदी के वानुअतु पासपोर्ट को रद्द कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अगर ललित मोदी वनुआतु में बस जाता तो उसे भारत लाना मुश्किल होगा क्योंकि इंडिया का इस देश से कोई भी समझौता नहीं है।

वानुअतु डेली पोस्ट ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में हुए खुलासों के बाद यह फैसला लिया गया है। बाकी जानकारी कल के अखबार में देंगे। इस बार उन्होंने ज्यादा जानकारी साझा नहीं की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि वनुआतु को बाद में पता चला कि ललित मोदी भारत का भगोड़ा कारोबारी है,जिस वजह से ये फैसला लिया गया।
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7 मार्च को भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए किया था आवेदन
बता दें कि ललित मोदी ने 7 मार्च को अपना इंडियन पासपोर्ट वापस करने के लिए आवेदन दिया था और बाद में विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की थी। ललित मोदी 2010 में भारत छोड़कर लंदन में रह रहे हैं। इसे लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘उन्होंने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है।उन्होंने आगे कहा था, ‘इसकी जांच मौजूदा नियमों के अंतर्गत की जाएगी। हमें यह भी बताया गया है कि उसने वानुअतु की नागरिकता हासिल कर ली है। हम कानून के तहत उसके खिलाफ मामला आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।
ललित मोदी 2010 में भाग गए थे ब्रिटेन
बता दें कि वर्ष-2007 में आईपीएल की शुरुआत करने वाले ललित मोदी 15 साल पहले भारत से ब्रिटेन भाग गए थे। भारत लगातार उनके प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है, और कानूनी लड़ाई भी चल रही है लेकिन अब उन्होंने भारत की नागरिकता त्यागने का फैसला किया है, और जिस देश वानुआतु की नागरिकता उन्होंने ली है। वहां की आबादी पुडुचेरी से भी कम है। इस मामले में एक फ्रेश ट्विस्ट आया है। हालांकि, वह अपने ऊपर लगे तमाम मनी लान्ड्रिंग और टैक्स चोरी के आरोपों को खारिज करते हैं।
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