Sports Ministry Lifts Ban On WFI: खेल मंत्रालय ने करीब 15 महीने बाद भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का बैन हटा दिया है। बैन हटने के बाद अब फेडरेशन टूर्नामेंट आयोजित कर सकेगा। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने सिंह ने कहा, ‘मैं इस फैसले के लिए मंत्रालय का आभार व्यक्त करता हूं। अब हम सुचारू रूप से काम कर सकेंगे। खेल के लिए यह बेहद जरूरी था। खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाने के कारण परेशान थे। अब अगले एक साल के दौरान सब-जूनियर, जूनियर और सीनियर वर्ग में महिला और पुरुष के तीनों वर्गों में 24 स्पर्धाएं खेली जाएंगी।

WFI पर क्यों लगा था बैन?

गौरतलब है कि सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के लिए निवर्तमान WFI प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर 2023 में विरोध प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने दिसंबर 2023 में महासंघ के पदाधिकारियों के चुनाव के लिए हुए चुनावों को रद्द करने और उन्हें अवैध घोषित करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था।

इसके बाद बृजभूषण के वफादार संजय सिंह वाले पैनल ने 21 दिसंबर 2023 को WFI का इलेक्शन जीता था, लेकिन उसके 3 दिन बाद ही WFI को बैन कर दिया गया था। यह सस्पेंशन फेडरेशन के मनमाने कामों के चलते लगाया गया था। माना जा रहा था कि मंत्रालय के इस फैसले के पीछे बृजभूषण शरण सिंह का हाथ है। मगर, तब बृजभूषण शरण सिंह ने बताया था कि उनका सरकार के WFI को निलंबित करने के फैसले से कोई लेना-देना नहीं है।

खेल मंत्रालय ने सस्पेंशन को लेकर कहा था कि संजय सिंह की अध्यक्षता में चुने गए नए बोर्ड ने नियम और कानून तोड़े हैं। मंत्रालय ने आगे आरोप लगाया कि नया बोर्ड भी पिछले पदाधिकारियों के नियंत्रण में था – जिन्हें यौन उत्पीड़न के आरोपों के तहत निलंबित कर दिया गया था।

खेल मंत्रालय ने दिया था ये निर्देश

खेल मंत्रालय की तरफ से एक आदेश जारी हुआ था, जिसमें ये कहा गया कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया सही दिशा में काम करे ताकि उस पर लगे सस्पेंशन को हटाने पर विचार किया जा सके। भारतीय कुश्ती संघ ने उन्हीं निर्देशों का पालन करने की कोशिश की है, जिसके बाद उन पर लगे बैैन को हटाने पर सरकार तैयार हुई है। हालांकि, स्टैटस अभी NSF की तरह है। यानी कि WFI घरेलू टूर्नामेंट का आयोजन करा सकता है और नेशनल टीम के अलावा इंटरनेशनल इवेंट के लिए खिलाड़ियों का चयन कर सकता है।

खेल मंत्रालय ने WFI को दिये ये निर्देश

खेल मंत्रालय ने अब डब्ल्यूएफआई से कुछ निर्देशों का पालन करने को कहा है जैसे कि डब्ल्यूएफआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि निर्वाचित पदाधिकारियों के बीच शक्ति का संतुलन बना रहे तथा वह स्वयं को निलंबित या बर्खास्त किए गए अधिकारियों से अलग रखे। नए महासचिव प्रेम चंद लोचब विरोधी खेमे से चुने गए थे और मंत्रालय के निर्देश को उसी संदर्भ में समझा जा सकता है।

खेल मंत्रालय ने पत्र में लिखा, “स्पॉट सत्यापन समिति के निष्कर्षों, डब्ल्यूएफआई द्वारा किए गए अनुपालन उपायों और भारतीय खेलों और एथलीटों के व्यापक हित में, युवा मामले और खेल मंत्रालय 24.12.2023 के समसंख्यक आदेश द्वारा जारी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निलंबन को रद्द करता है। निम्नलिखित निर्देशों के साथ कुश्ती के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में इसकी मान्यता तत्काल प्रभाव से फिर से शुरू करता है।”

खेल मंत्रालय द्वारा WFI को दिए गए निर्देश

  1. संशोधन वापसी: WFI के बैन अवधि के दौरान किए गए संशोधनों को वापस लेना होगा और नियुक्त पदाधिकारियों के बीच सत्ता का सदुपयोग सुनिश्चित करना होगा। यह प्रक्रिया 4 हफ्ते के भीतर पूरी की जानी चाहिए।
  2. निष्कासन: जो भी लोग पदाधिकारी के रूप में नियुक्त नहीं किए गए हैं या किसी कर्मचारी को निलंबित किया गया है, वे फेडरेशन और उसकी संबद्ध इकाइयों से पूरी तरह अलग रहेंगे। WFI की एग्जीक्यूटिव कमेटी को इस मामले में 4 हफ्ते के अंदर जिम्मेदारी उठानी होगी।
  3. कानूनी कार्रवाई: किसी भी तरह के उल्लंघन पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें खेल संहिता के तहत कार्रवाई भी शामिल है।
  4. पारदर्शी चयन: WFI को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए चयन स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया जाए, जैसा कि खेल संहिता और संबंधित निर्देशों के अनुसार और समय-समय पर UWW द्वारा जारी नियमों के अनुसार हो।

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