कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश के जलबपुर में पदस्थ जालसाज बाबू की करोड़ों रुपए गबन के लिए अजीब करतूत सामने आई है। लग्जरी लाइफ के शौकीन बाबू संदीप शर्मा ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर 44 हजार की सैलरी को 4 लाख 44 हजार कर करोड़ों रुपए का वारा न्यारा कर दिया। मामले का खुलासा होने के बाद संदीप शर्मा समेत तीन लोगों को निलंबित कर दिया है।

कोषालय से गड़बड़ी पकड़ी गई

दरअसल मामला संयुक्त संचालक क्षेत्रीय कार्यालय का है जहां पदस्थ बाबू संदीप शर्मा पर कर्मचारियों को फर्जी तरीके से रिटायर्ड कर उनकी ग्रेच्यूटी और अन्य राशि हड़पने का आरोप है। करीब 7 करोड रुपए से ज्यादा का गबन का आरोप है। यूपी, राजस्थान में भी रिश्तेदारों के नाम संपति की बात कही जा रही है। पत्नी के नाम भी बड़ी राशि ट्रांसफर करने की बात सामने आ रही है। मामले में सायबर और आईटी एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। आरोपी बाबू पिछले 4 साल से गड़बड़झाला कर रहा था। कुछ दिनों पहले ही कलेक्ट्रेट के कोषालय से गड़बड़ी पकड़ी गई है। 28 फरवरी को वरिष्ठ कोषालय अधिकारी विनायिका लकरा ने पहले गड़बड़ी पकड़ी थी।

राज्य स्तरीय टीम मामले की छानबीन कर रही

पहली बार 8 लाख रुपए के बिल में गड़बड़ी होने की आशंका पर छानबीन की गई। छानबीन की कड़ियां सुलझाते सुलझाते घोटाले का आंकड़ा 7 करोड रुपए के पार पहुंचा है। घोटालेबाज आरोपी संदीप शर्मा अभी फरार चल रहा है। जिले के साथ राज्य स्तरीय टीम मामले की छानबीन कर रही है। सहायक संचालक प्रिया विश्नोई और वरिष्ठ संपरीक्षक अमित तिवारी ने संदीप शर्मा को अपनी आईडी दे रखी थी। संदीप शर्मा उसी आईडी के जरिए पूरा गड़बड़झाला किया है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि मामले की जांच राज्य स्तर पर गठित समिति कर रही है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले में एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।

दीपक सक्सेना, कलेक्टर जबलपुर

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