सुरेश परतागिरि, बीजापुर। बीजापुर और तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में हुई मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने अब तक 20 नक्सलियों के शवों की पहचान कर ली है। इनमें से 11 शवों को पोस्टमार्टम और अन्य कानूनी प्रक्रिया के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है, जबकि शेष शवों की पहचान की प्रक्रिया अभी जारी है। इस मुठभेड़ को लेकर अब राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है।

बीजापुर के कांग्रेस विधायक विक्रम शाह मंडावी ने राज्य की भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एक तरफ ऑपरेशन को सफल बताते हुए 22 नक्सलियों को ढेर करने पर जवानों को बधाई देते हैं, वहीं प्रदेश के गृहमंत्री कहते हैं कि बीजापुर में किसी प्रकार का ऑपरेशन नहीं हुआ है और इस मुठभेड़ या ऑपरेशन में 22 नक्सलियों के मारे जाने के जो आंकड़े आ रहे हैं, वे गलत हैं।

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विधायक मंडावी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों के बयान आपस में विरोधाभासी हैं। सरकार सभी के सामने प्रेस विज्ञप्ति और प्रेस ब्रीफिंग कर स्पष्ट करे कि उसूर थाना अंतर्गत क्षेत्र में जो 18 दिनों तक ऑपरेशन चला, उसमें जवानों ने जिन लोगों को मुठभेड़ में मार गिराया, क्या वे वास्तव में नक्सली थे या ग्रामीण? और अगर वे नक्सली थे तो उनकी शिनाख्त में इतना समय क्यों लग रहा है? सरकार से मांग करता हूं कि इन सभी बातों को लेकर स्पष्टता दी जाए।

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