Engineer Ravi Verma Spying Case: ठाणे के कलवा से गिरफ्तार पाकिस्तानी जासूस इंजीनियर रवि वर्मा पर महाराष्ट्र एटीएस (Maharashtra ATS) ने सनसनीखेज खुलासा किया है। महाराष्ट्र एटीएस को जांच में पता चला कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की लेडी एजेंट्स ने हनीट्रैप के जाल में रवि वर्मा को फंसाया था। ये ISI लेडी एजेंट्स पायल शर्मा, आकृति, प्रीति कुमारी बनकर उससे बात करतीं थी। महिला एजेंटों ने आरोपी रवि वर्मा को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए भारतीय सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था। जांच में पता चला है कि PIO की महिला एजेंटों ने जानबूझकर भारतीय सिम कार्ड का इस्तेमाल इसलिए किया, ताकि रवि वर्मा और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को यह महसूस न हो सके कि बातचीत पाकिस्तान से हो रही है। महिला एजेंटों ने खुद को भारतीय नागरिक बताकर वर्मा से संपर्क साधा और उसे बहला-फुसलाकर उससे वॉरशिप और सबमरीन जैसी संवेदनशील रक्षा सूचनाएं, फोटो और वीडियो मंगवाए। इसके बाद रवि वर्मा ने देश से गद्दारी करते हुए 14 पनडुब्बियों और युद्धपोतों के बारे में जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को दे दी।

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पाकिस्तानी जासूस इंजिनियर रवि वर्मा पर 2024 से सोशल मीडिया के कथित पायल शर्मा और isprit नामक प्रोफाइल के संपर्क में आने की बात का पता चला है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा वह आकृति, प्रीति कुमारी, सिंघल कुमार इत्यादि फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के टच में था।

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एटीएस के मुताबिक जिन 5-6 मोबाइल नंबरों से आरोपी को संपर्क किया गया, वे सभी भारतीय सिमकार्ड हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये सिम कार्ड पाकिस्तानी एजेंटों को किसने और कैसे मुहैया कराए। इस कड़ी में एटीएस ने जांच तेज कर दी है। सूत्रों ने आगे बताया कि, प्रारंभिक जांच में ऐसे पुख्ता संकेत मिले हैं कि पाक एजेंटों ने भारतीय नंबरों का इस्तेमाल कर रवि वर्मा को हनी ट्रैप में फंसाया था। इस खुलासे के बाद एटीएस ने एक सार्वजनिक एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनजान भारतीय नंबरों और विदेशी नंबरों से आने वाले मैसेज या कॉल को गंभीरता से लें और उन पर प्रतिक्रिया न दें। साथ ही, ऐसे किसी भी संदेहजनक कॉल या मैसेज की जानकारी तुरंत पुलिस को दे।

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इस तरह शुरू हुआ खेल
रवि को सबसे पहले नवंबर 2024 में फेसबुक पर पायल शर्मा नाम की युवती की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी। दोनों के बीच शुरू हुई दोस्ताना बातचीत प्यार में बदल गई। हालांकि, रवि जानता था कि पायल हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम है। उसने इस बारे में कोई सवाल नहीं उठाया। आतंकवाद निरोधक दस्ते को पूरा संदेह है कि रवि वर्मा ने 7 महीने की अवधि में पाकिस्तानी एजेंटों को 14 पनडुब्बियों, युद्धपोतों और बड़े जहाजों के बारे में जानकारी दी। साथ ही सेना के वैज्ञानिक भंडारण का स्थान, बैकअप योजना क्या है, नौसेना के गोदाम में किस तरह के हथियार हैं, इसकी सुरक्षा के लिए कितने सैनिक या जनशक्ति तैनात हैं और अन्य विस्तृत जानकारी दी।

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डॉकयार्ड में था आनाजाना

रवि निजी कंपनी में कार्यरत था, जो कि डिफेंस में ठेके पर काम करती है। रवि का डॉकयार्ड में नौसेना क्षेत्र में आना-जाना लगा रहता था, जिससे उसे आसानी से सब जानकारी मिलती थी और वह उसे आगे बढ़ा देता था। एटीएस रवि से पूछताछ कर अधिक से अधिक जानकारी निकालने की कोशिश में लगी है।

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महत्वपूर्ण सूचनाओं के कई संदेश डिलीट किए
यह बात सामने आई है कि रवि वर्मा ने अपने मोबाइल फोन से पाकिस्तानी एजेंटों को दी गई महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण जानकारियां डिलीट कर दी थीं। एटीएस टीम ने यह भी दावा किया है कि यह देखा गया है कि उसने जासूसी और सूचनाएं देने के लिए जानबूझकर सोशल मीडिया पर एक अलग अकाउंट का इस्तेमाल किया था।

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रवि वर्मा के फोन की चांज

एटीएस ने रवि के फोन की जांच की। उसमें सारी चैट्स मिलीं है। रवि ने कई बार जहाजों की तस्वीरें भी भेजीं। वह प्रतिबंधित नौसेना क्षेत्रों में काम करता था। इस वजह से उसे गुप्त जानकारी तक पहुंच थी। उसने मझगांव डॉकयार्ड और नेवल डॉकयार्ड जैसे संवेदनशील ठिकानों की जानकारी दी। एटीएस ने रवि के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 की धारा 3(1)(b) और 5(a) के तहत मामला दर्ज किया। साथ ही भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 61(2) के तहत भी केस बनाया है।

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बैंक-अकाउंट से खुलेंगे लेनदेन के राज

ATS जासूस रवि के बैंक अकाउंट्स और लेन-देन की जानकारी जुटा रही है. इसके साथ ही सोशल मीडिया फ्रेंड्स और ऑनलाइन नेटवर्क की तलाश कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि सोशल मीडिया के जरिए भी इसके साथ संदिग्ध विदेशी संपर्क थे। सुरक्षा में सेंध की आशंका के तहत लगातार पूछताछ जारी है. रवि वर्मा पर भारतीय जंगी जहाज़ की जानकारी POI को देने का शक है। मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण ATS और खुफिया एजेंसियां सतर्क है।

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रवि की मां रेखा वर्मा ने बेटे को बताया निर्दोष

रेखा वर्मा ने अपने बेटे को निर्दोष बताया है। मीडिया से बात करते हुए रेखा वर्मा ने कहा है कि उनके बेटे ने कुछ नहीं किया है। उसे फंसाया गया है। उसने कहा था कि वह फेसबुक बंद करने जा रहा है। वह निर्दोष है। पुलिस को उसे छोड़ देना चाहिए। रेखा वर्मा ने कहा, ‘जब से पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है, तब से उन्होंने अपने बेटे से बात नहीं की है रेखा का कहना है कि रवि ने उनसे सिर्फ इतना कहा था कि मां, मैं फेसबुक बंद कर दूंगा रेखा ने बताया पहले तो पुलिस पासपोर्ट का हवाला देकर उसे ले गई। लेकिन बाद में जब उन्हें पता चला कि आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने उसे हिरासत में ले लिया है, तो उन्हें डर लगने लगा। रेखा का बार बार कहना है कि उनके बेटे ने कुछ नहीं किया है। वह निर्दोष है।

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भारतीय सिम कार्ड के माध्यम से निशाना बना रहे हैं
सूत्रों ने आगे बताया कि यह कोई एक मामला नहीं है। जांच में सामने आया है कि PIO एजेंट सिर्फ रवि वर्मा ही नहीं, बल्कि भारत के विभिन्न हिस्सों में कई लोगों को इसी तरह भारतीय सिम कार्ड के माध्यम से निशाना बना रहे हैं। यह उनकी नई मोडस ऑपरेंडी है, जो पहलगाम हमले के बाद सामने आई है।

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भारतीय सिमकार्ड मुहैया करवाने में शामिल शख्स गिरफ्तार
इस बीच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार (3 जून) को हसन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तानी एजेंटों को भारतीय सिम कार्ड मुहैया कराने में शामिल था। अब महाराष्ट्र एटीएस दिल्ली पुलिस से लगातार संपर्क में है ताकि यह पता चल सके कि हसन का कोई लिंक रवि वर्मा केस से तो नहीं जुड़ता। सूत्रों ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि नवंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच रवि वर्मा को पाकिस्तानी एजेंटों से खुफिया जानकारी साझा करने के बदले करीब 9,000 रुपये दिए। ये पैसे डेड अकाउंट से अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए, जिनका विश्लेषण अभी जारी है।

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