योगेश पाराशर, मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना में ब्रांडेड कंपनियों के नकली उत्पाद बनाने के मामले पहले भी कई बार सामने आए हैं। शनिवार को भी ऐसा ही मामला सामने आया, जब दिल्ली कोर्ट द्वारा भेजी गई टीम ने एक आयल मिल पर छापा मारा। कौशल एग्रो आइल्स प्राइवेट लिमिटेड के संचालक अपने चचेरे भाई के ब्रांड के नाम से नकली पेकिंग कर रहा था। टीम ने संदिग्ध ब्रांड के 280 टिन, 150 से ज्यादा पाउच सीज किए हैं।
दरअसल, अवध आयल्स के संचालक अवध गोयल ने दिल्ली के रोहिणी न्यायालय, कमर्शियल कोर्ट में एक याचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया, कि मुरैना शहर के धौलपुर रोड, अंबाह बायपास तिराहा के पास औद्योगिक क्षेत्र में संचालित कौशल एग्रो आइल्स प्राइवेट लिमिटेड पर काला घोड़ा कच्ची घानी सरसाें तेल की पेकिंग की जा रही है। अवध गोयल ने कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किए, उनमें काला घोड़ा ब्रांड को अवध आयल्स का बताया। इसी आधार पर रोहिणी कोर्ट ने न्यायालय आयुक्त के तौर पर एडवोकेट पुलकित जौली को नियुक्त किया।
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न्यायालय आयुक्त जौली के साथ, अवध आयल्स के वकील कौटिल्य कौशिक, शुभम कौशिक, पूर्वी खंडेलवाल, अंकित वाधवा भी शनिवार दोपहर एक बजे के करीब कौशल एग्रो ऑयल्स फैक्ट्री में पहुंचे। यहां केआर ब्रांड के अलावा काला घोड़ा नाम के सरसों तेल की पैकिंग बड़े पैमाने पर की जा रही थी। 15 लीटर की मात्रा वाले लोहे के टिन के अलावा एक-एक लीटर की पाउचों में काला घोड़ा सरसों तेल की पैकिंग हो रही थी। मौके पर 15 लीटर मात्रा वाले 280 टिन व एक-एक लीटर के 150 से ज्यादा पाउच मिले। इस माल को सीज किया गया। इसके बाद कौशल एग्रो ऑयल्स के कार्यालय से भी कुछ रिकॉर्ड लिया गया है। सीज किए गए सरसों तेल की कीमत 10 लाख रुपये से ज्यादा बताई गई है।
चचेरे भाइयों की हैं दोनों फर्म
अवध आयल्स के मालिक अवध गोयल और कौशल एग्रो ऑयल्स के संचालक कौशल गोयल एक ही परिवार के हैं और रिश्ते में भाई लगते हैं। कौशल गोयल के पिता विपिन गोयल और अवध गोयल के पिता राजेंद्र गोयल दोनों सगे भाई हैं। पहले दोनों मिलकर तेल का कारोबार करते थे। बाद में फैक्ट्रियों का बंटवारा हो गया। काला घोड़ा ब्रांड नाम से पैक होने वाले सरसों तेल को दोनों ही अपना बताते है। अवध गोयल ने जहां कोर्ट में साबित किया है, कि काला घोड़ा उनका ब्रांड है, वहीं कौशल गोयल भी ट्रेडमार्क कार्यालय मुंबई में दस्तावेज दे चुके हैं, कि काला घोड़ा ब्रांड नाम का पंजीयन उनके ससुर के नाम है। ससुर की अनुमति पर वह काला घोड़ा तेल की पैकिंग कर रहे हैं।
कोर्ट द्वारा नियुक्त आयुक्त पुलकित जौली ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर हम कौशल एग्रो ऑयल्स में निरीक्षण को आए थे। यह विवाद दो भाईयों के बीच ट्रेडमार्क को लेकर है। हमें मौके पर कुछ संदिग्ध उत्पाद मिले हैं, जिन्हें सीज किया है। कार्रवाई में जो भी सामने आया है, उसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में पेश करूंगा, आगे की कार्रवाई कोर्ट करेगा।
कौशल एग्रो आयल्स के वकील संदीप शर्मा ने बताया कि कौशल गोयल और उनके ताऊ के बेटे अवध गोयल के बीच का विवाद है। काला घोड़ा नाम से ट्रेडमार्क है, जिसका पंजीयन ट्रेडमार्क कार्यालय मुंबई में कौशल गोयल के ससुर संतोष अग्रवाल के नाम रजिस्टर्ड है। कौशल गोयल काला घोड़ा के नाम से सरसों तेल की पैकिंग अपने ससुर की सहमति से कर रहा था। दो-तीन महीने पहले अवध की तरफ से ट्रेडमार्क कार्यालय मुंबई में एक आवेदन किया है, जिसमें काला घोड़ा नाम से व्यापार की अनुमति मांगी है, जो पेंडिंग है। अवध ऑयल की तरफ से जो आवेदन किया है, वही साबित करता है, कि उन्हें काला घोड़ा नाम से व्यापार करने की अनुमति नहीं है। कौशल आयल्स का काम पूरी तरह नियमानुसार है।
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