दिल्ली की जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप पानी की मांग भी बढ़ रही है. इस चुनौती का समाधान करने के लिए, दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने 3 नए जल उपचार संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है. ये संयंत्र इरादत नगर, नजफगढ़ (दक्षिण पश्चिम दिल्ली) और छतरपुर में स्थापित किए जाएंगे, जिससे भविष्य में जल आपूर्ति में सुधार की संभावना जताई जा रही है.

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दिल्ली में जल आपूर्ति को सुधारने के लिए नए संयंत्रों से प्रतिदिन 235 मिलियन गैलन अतिरिक्त उपचारित पानी मिलने की संभावना है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इरादत नगर और छतरपुर संयंत्रों की संयुक्त क्षमता 80 एमजीडी होगी, जबकि नजफगढ़ संयंत्र की क्षमता 75 एमजीडी निर्धारित की गई है. इन संयंत्रों को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बांधों से भी जल उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे दिल्ली में जल आपूर्ति को स्थिर बनाए रखने में सहायता मिलेगी.

दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में शहर की जनसंख्या 2.5 करोड़ से अधिक है. यदि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 50 लीटर पानी की आवश्यकता मानें, तो दिल्ली को लगभग 1250 एमजीडी पानी की आवश्यकता होगी. जबकि, वर्तमान में पानी की आपूर्ति लगभग 990 एमजीडी से कम है.

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शहर में वर्तमान में नौ जल उपचार संयंत्र संचालित हैं, जो लगभग 1000 एमजीडी पानी की आपूर्ति करते हैं. हाल के वर्षों में यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा में वृद्धि के कारण दिल्ली के कई क्षेत्रों में स्वच्छ पानी की आपूर्ति में बाधाएं आई हैं, जिससे जल उपचार संयंत्रों के संचालन में भी कठिनाइयाँ उत्पन्न हुई हैं. इस स्थिति को देखते हुए, नए संयंत्र की स्थापना अत्यंत आवश्यक और लाभकारी होगी.

पहाड़ों से पानी लाने की तैयारी

दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स के लिए आवश्यक पानी पहाड़ों से प्राप्त किया जाएगा. यह कच्चा पानी हिमाचल प्रदेश के रेणुका डैम और उत्तराखंड के किशाऊ तथा लखवार डैम से लाया जाएगा, जो यमुना नदी के माध्यम से दिल्ली तक पहुंचेगा. इसके बाद, पानी को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध किया जाएगा और फिर इसे दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में वितरित किया जाएगा. इस परियोजना के तहत, दिल्ली जल बोर्ड ने पहले ही संबंधित एजेंसियों को 230.73 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है, ताकि पानी की आपूर्ति और बुनियादी ढांचे के विकास में कोई बाधा न आए. शेष राशि समय-समय पर प्रदान की जाएगी.

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कब तक बन जाएंगे?

इन जल उपचार संयंत्रों में अत्याधुनिक तकनीकों का समावेश किया जाएगा, जिसमें मल्टी-स्टेज फिल्ट्रेशन, यूवी डिसइन्फेक्शन और वास्तविक समय में गुणवत्ता की निगरानी शामिल है. दिल्ली के तीन नए जल उपचार संयंत्रों का निर्माण कार्य 2025 के अंत तक प्रारंभ होने की संभावना है, और इसे 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस प्रकार, 2027 में इन संयंत्रों के संचालन के बाद दिल्ली में जल संकट का समाधान हो जाएगा.