BSE Stock Rating: शेयर बाजार इन दिनों कमजोर सेंटीमेंट के दौर से गुजर रहा है, और ऐसे में कोई भी नकारात्मक खबर किसी शेयर को बहुत तेजी से प्रभावित कर रही है. इस समय चर्चा का केंद्र BSE लिमिटेड का शेयर है, जो बुधवार को 6% की गिरावट के साथ खुला था. हालांकि दिन के अंत में इसमें कुछ रिकवरी देखने को मिली और यह 1.20% की गिरावट के साथ ₹2,632.60 पर बंद हुआ.

वहीं, गुरुवार की बात करें तो सेंसेक्स करीब 36.30 अंक (-0.04%) की गिरावट के साथ 81,408.36 पर कारोबार कर रहा है. निफ्टी में भी लगभग 6.55 अंक (-0.03%) की गिरावट है, जो 24,805.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा है.

कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप लगभग ₹1.07 लाख करोड़ है. BSE के स्टॉक्स ने पिछले एक साल में 200% से ज़्यादा का रिटर्न दिया है. हालांकि हालिया गिरावट के बावजूद इसका मासिक रिटर्न अभी भी सकारात्मक (6%) है. 10 जून 2025 को इसने ₹3,030 का सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ था.

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उच्च मूल्यांकन अब चिंता का विषय (BSE Stock Rating)

लगातार बढ़ोतरी के चलते BSE का मूल्य-से-आय अनुपात (P/E Ratio) 82.13 पर पहुंच गया है, जो निवेशकों के लिए मूल्यांकन को लेकर चिंता का संकेत है. दैनिक तकनीकी चार्ट के अनुसार, यह शेयर अब रिट्रेसमेंट ज़ोन में है और ₹2,470 इसके लिए एक मजबूत समर्थन स्तर माना जा रहा है.

सेबी के सर्कुलर ने तस्वीर बिगाड़ी (BSE Stock Rating)

BSE के शेयर मूल्य में गिरावट का मुख्य कारण है सेबी की नई अधिसूचना, जिसमें इक्विटी डेरिवेटिव अनुबंध की समाप्ति तिथि को मंगलवार से बदलकर गुरुवार कर दिया गया है. यह बदलाव 1 सितंबर 2025 से लागू होगा.

इस फैसले के तुरंत बाद BSE के शेयरों में असर देखा गया और बुधवार को पूरे दिन में करीब 66 लाख शेयरों का ट्रेडिंग वॉल्यूम दर्ज किया गया.

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ब्रोकरेज हाउस ने घटाई रेटिंग और टारगेट (BSE Stock Rating)

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने BSE की रेटिंग ‘बुलिश’ से घटाकर ‘न्यूट्रल’ कर दी है. साथ ही, शेयर का टारगेट प्राइस घटाकर ₹2,300 कर दिया गया है.

ब्रोकरेज का मानना है कि एक्सपायरी डे में बदलाव के चलते डेरिवेटिव मार्केट में BSE की बाजार हिस्सेदारी, जो मई 2025 में करीब 22.6% थी, घट सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, इसमें 350 से 400 बेसिस प्वाइंट्स की गिरावट आ सकती है.

गोल्डमैन सैक्स ने भी नरम रुख अपनाया (BSE Stock Rating)

गोल्डमैन सैक्स ने भी BSE के शेयर को ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस ₹2,430 निर्धारित किया है. उनका मानना है कि एक्सपायरी में बदलाव से BSE की मार्केट हिस्सेदारी में लगभग 3% की गिरावट हो सकती है, जिससे कंपनी के EPS (प्रति शेयर आय) में 8% की गिरावट का जोखिम है.

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आय अनुमानों में कटौती (BSE Stock Rating)

मोतीलाल ओसवाल ने वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के लिए BSE की प्रीमियम औसत दैनिक व्यापार मात्रा (ADTO) के पूर्वानुमान को 155 बिलियन / 190 बिलियन रुपये से घटाकर 137 बिलियन / 157 बिलियन रुपये कर दिया है. साथ ही, इन दोनों वर्षों की आय में क्रमशः 9% और 12% की कटौती की गई है.

निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए? (BSE Stock Rating)

वर्तमान में BSE का शेयर तकनीकी रूप से ओवरबॉट ज़ोन में है और मूल्यांकन के लिहाज से भी महंगा माना जा रहा है. साथ ही, नीतिगत बदलावों का असर कंपनी के डेरिवेटिव कारोबार पर पड़ सकता है.

ऐसी स्थिति में मौजूदा निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, जबकि नए निवेशकों को तकनीकी और मौलिक दोनों विश्लेषणों को ध्यान में रखकर ही निवेश का निर्णय लेना चाहिए.

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