प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैन धर्म के महान आध्यात्मिक गुरु व समाज सुधारक आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को ‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने आचार्य विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती के अवसर पर उनके शताब्दी समारोह के दौरान डाक टिकट और सिक्के जारी किए। विज्ञान भवन में होने वाले इस आयोजन के मौके पर पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘यह दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि 28 जून 1987 को आचार्य विद्यानंद मुनिराज को ‘आचार्य’ की उपाधि मिली थी। यह सिर्फ सम्मान नहीं था, बल्कि जैन संस्कृति को विचारों, संयम और करुणा से जोड़ने वाली ‘पवित्र धारा’ भी थी। आज जब हम उनकी 100वीं जयंती मना रहे हैं तो यह हमें उस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाता है…’

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22 अप्रैल 2026 तक मनाया जाएगा शताब्दी समारोह

समारोह का आयोजन जैन धर्म के महान आध्यात्मिक नेता और समाज सुधारक आचार्य विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती पर किया जा रहा है।शताब्दी वर्ष आज से 22 अप्रैल 2026 तक मनाया जाएगा।साल भर चलने वाले इस समारोह में देश भर में सांस्कृतिक,साहित्यिक, शैक्षिक और आध्यात्मिक पहल की जाएगी।

भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित यह कार्यक्रम एक साल तक चलने वाले राष्ट्रीय श्रद्धांजलि समारोह की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक है। इसका उद्देश्य आचार्य विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती का सम्मान करना है। समारोह का उद्देश्य आचार्य विद्यानंद जी महाराज के जीवन और परम्परा का जश्न मनाने के साथ-साथ उनके संदेश का प्रसार करना है।

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आचार्य विद्यानंद जी महाराज ने 50 से अधिक पुस्तकों की रचना की

आचार्य विद्यानंद जी महाराज ने जैन दर्शन और नैतिकता विषय पर 50 से अधिक पुस्तकों की रचना की है। उन्होंने विशेष रूप से प्राकृत, जैन दर्शन और शास्त्रीय भाषाओं में शिक्षा के लिए काम किया और देश भर में प्राचीन जैन मंदिरों के जीर्णोद्धार और पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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