दुबई स्थित मसाई कॉन्ट्रैक्टिंग एलएलसी कंपनी में कार्यरत झारखंड के 15 मजदूर गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। पिछले तीन महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई है। इनमें गिरिडीह, हजारीबाग और धनबाद जिलों के मजदूर शामिल हैं। अब ये मजदूर सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर भारत सरकार और झारखंड सरकार से वतन वापसी के लिए मदद की अपील कर रहे हैं।

BJP National President Election 2025: नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर BJP आलाकमान और संघ के बीच फंसा पेच, इन राज्यों में बदलेगा प्रदेश नेतृत्व

वीडियो में क्या बता रहे मजदूर

वीडियो में मजदूरों ने बताया कि कंपनी ने काम तो लिया लेकिन महीनों से वेतन नहीं दिया, और अब हालात ऐसे हो गए हैं कि दो वक्त की रोटी भी मिल नहीं रही है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही उन्हें रिहा कर स्वदेश नहीं लाया गया तो स्थिति और भी खराब हो सकती है।

मामले को संज्ञान में लेते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से मजदूरों की सकुशल वापसी सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह अकेला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई बार झारखंड से बाहर काम करने गए मजदूरों के शोषण और परेशानी की खबरें सामने आ चुकी हैं।

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग में मोदी सरकार पेंशनर्स को देगी बड़ी राहत! अब 12 साल में बहाल हो सकती है पूरी पेंशन

ठेकेदार नहीं दे रहा कॉल और मैसेज का जवाब

श्रमिकों ने बताया कि साल 2024 में वे अबू धाबी आए। वे लोग कजाकिस्तान, मलेशिया और सऊदी अरब में कार्य कर चुके हैं। इन्हीं में से एक मजदूर चारुमन ने कहा कि ठेकेदार ने दो साल पहले हमें काम पर रखते समय बताया था कि कंपनी 10 साल से अधिक समय से वहां काम कर रही है और भरोसेमंद है। ठेकेदार ने हमें हर महीने लगभग 1,700 दिरहम (लगभग 40,000 रुपए) देने का वादा किया था, लेकिन पिछले तीन महीनों हमें वेतन नहीं मिला है। कंपनी के ठेकेदार तिरुपति रेड्डी और कंपनी के सुपरवाइजर को कॉल और मैसेज करने पर कोई जवाब नहीं मिल रहा है। इन्हीं में से एक मजदूर चारुमन नाम के श्रमिक ने कहा कि हैदराबाद कि एक कंपनी ने इन्हें बिजली के काम के लिए वहां भेजा था।

‘पागलपन से भरा एक और विनाशकारी फैसला…’, टैक्स और खर्च बिल पर एलन मस्क ने फिर डोनाल्ड ट्रंप को घेरा

ठेकेदार ने 8 लोगों में बांटने को दिए 600 रुपए

उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा किराया और बिजली बिलों का भुगतान न किए जाने के कारण उनके मकान मालिक ने उनका पानी का कनेक्शन काट दिया है। साथ ही उनके दो कमरों वाले मकान से उन्हें बाहर निकलने की धमकी दी है। 28 वर्षीय अर्जुन महतो ने कहा कि यह एकमात्र काम है, जिसे हम जानते हैं, लेकिन पिछले तीन महीने बेहद मुश्किल भरे रहे हैं। कभी-कभी, ठेकेदार हमें आठ लोगों के बीच बांटने के लिए 600 रुपए देता था। एक अन्य श्रमिक 40 वर्षीय बिष्णु महतो ने कहा यहां की गर्मी असहनीय है। हम बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

‘संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहते हैं RSS-BJP…’, राहुल गांधी के बचाव में उतरे शशि थरूर; जानें क्या कहा 

विदेशों में लगातार फंस रहे हैं झारखंड के मजदूर

फिलहाल बिष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के जोबार पंचायत के दो मजदूरों के शव सऊदी अरब और कुवैत में फंसे हुए हैं, जिन्हें अब तक भारत नहीं लाया जा सका है। वहीं गिरिडीह जिले के बगोदर के पांच मजदूर पिछले दो महीनों से अफ्रीकी देश नाइजर में अगवा हैं। इन घटनाओं से यह साफ है कि विदेशों में रोजगार की तलाश में जाने वाले मजदूरों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल बन गई है।

‘कश्मीरी भाइयों की कुर्बानी… बहुत बुरे परिणाम,’ आसिम मुनीर ने भारत के खिलाफ फिर उगला जहर

दुबई में फंसे हैं ये मजदूर

दुबई में फंसे मजदूरों में हजारीबाग जिले के चारुमान महतो, चंद्रिका महतो, कैलाश महतो, बिशुन महतो, जगन्नाथ सिंह, लखन सिंह, सुखदेव सिंह, अर्जुन महतो, त्रिलोकी महतो और बालेश्वर महतो शामिल हैं। वहीं गिरिडीह जिले से बैजनाथ महतो, महेंद्र महतो, सीताराम महतो और मूरत महतो तथा धनबाद जिले से संजय कुमार महतो फंसे हुए हैं।

8 महीने के युवांश को बचाने के लिए आगे आए संजय सिंह, SMA टाइप-1 से पीड़ित बच्चे के लिए AAP सांसद ने देश के लोगों से की ये खास अपील

परेशानी के बावजूद विदेश में काम करने को तैयार श्रमिक

इतनी परेशानी सह रहे मजदूर से जब यह पूछा गया कि क्या वह आगे से विदेश में काम की तलाश करेंगे तो चौंकाने वाला जवाब आया। चारुमान ने कहा कि विदेशी कंपनियां आमतौर पर अच्छा भुगतान करती हैं, जिससे हमें बचत करने और घर पैसे भेजने में मदद मिलती है। यही वजह है कि हम आगे भी विदेशों में काम की तलाश करेंगे।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m