Tejashwi Yadav News: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी तेज होती जा रही है. राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी अपने चरम पर है. ताजा मामला वक्फ संशोधन कानून को लेकर उठे विवाद का है, जहां एक ओर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने इस कानून को बिहार में लागू न होने देने का ऐलान किया, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनके बयान को संविधान और संसद का अपमान बताते हुए जोरदार प्रतिक्रिया दी है.

गांधी मैदान से तेजस्वी का ऐलान

रविवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ‘वक्फ बचाओ-दस्तूर बचाओ’ नामक एक विशाल रैली का आयोजन किया गया, जिसे इमारत-ए-शरिया ने बुलाया था. इस मौके पर तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून का विरोध करते हुए कहा कि, अगर उनकी सरकार बनी तो वह इस कानून को राज्य में लागू नहीं होने देंगे और उसे “कूड़ेदान में फेंक देंगे”. उन्होंने आरोप लगाया कि, सरकार सिर्फ वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना ही नहीं चाहती, बल्कि मुसलमानों, पिछड़ों और दलितों के मताधिकार को भी कमजोर करने की कोशिश कर रही है. तेजस्वी ने कहा, “यह देश किसी के बाप का नहीं है, यह हम सबका है.”

तेजस्वी के बयान पर बीजेपी का पलटवार

तेजस्वी यादव के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, जिस गांधी मैदान में एक वक्त आपातकाल के खिलाफ संविधान की रक्षा के लिए लाखों लोग जुटे थे, उसी स्थान से तेजस्वी ने संसद से पास हुए कानून को ‘कूड़ेदान’ में फेंकने की बात कहकर न केवल संसद बल्कि न्यायपालिका का भी अपमान किया है. उन्होंने कहा कि, यह कानून संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ है और फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है.

वोट बैंक की राजनीति का आरोप

सुधांशु त्रिवेदी ने तेजस्वी पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि, वे संविधान को ताक पर रखकर सिर्फ एक वर्ग को खुश करना चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि इस्लाम में वक्फ का कोई उल्लेख नहीं है और यह शब्द मौलवियों द्वारा गढ़ा गया है. उनका कहना था कि ,वक्फ व्यवस्था समाजवादी विचारधारा के विरुद्ध है और तेजस्वी ‘समाजवाद’ की जगह ‘नमाजवाद’ को बढ़ावा दे रहे हैं.

बिहार में शरिया लागू करना चाहते हैं तेजस्वी?

बीजेपी प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि क्या तेजस्वी बिहार में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि दुनिया के मुस्लिम देशों, जैसे सीरिया, इराक, पाकिस्तान और सऊदी अरब में भी पूरी तरह शरिया लागू नहीं है. ऐसे में बिहार में इसकी बात करना संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. त्रिवेदी ने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी कुछ प्रभावशाली लोगों का साथ दे रहे हैं, जो वक्फ संपत्तियों पर कब्जा जमाना चाहते हैं, न कि आम मुसलमानों के हितों के लिए खड़े हैं.

इस मुद्दे को लेकर बिहार की राजनीति में जोरदार बहस छिड़ गई है और आने वाले समय में यह चुनावी चर्चा के केंद्र में रह सकता है.

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