राजकुमार पाण्डेय/सौरभ मिश्रा, भोपाल। मध्य प्रदेश की PHE मंत्री संपतिया उइके पर 1000 करोड़ का कमीशन लेने का आरोप लगा है। पूर्व MLA (शिकायतकर्ता) किशोर समरीते का आरोप है कि उन्हें जल जीवन मिशन में केंद्र से 30 हजार करोड़ रुपए मिले थे। आरोप के बाद प्रमुख अभियंता (ईएनसी) संजय अंधवान ने जांच के आदेश दिए हैं। 

प्रमुख अभियंता ने मुख्य अभियंता को लिखा पत्र

भारत सरकार से शिकायत के बाद प्रमुख अभियंता ने मुख्य अभियंता को पत्र लिखा है। शिकायत में जल जीवन मिशन में दिए गए 30 हजार करोड़ की जांच और मंत्री के लिए पैसा एकत्रित करने वाले कार्य यंत्री के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।शिकायत के बारे में जांच करके सात दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य अभियंता और प्रोजेक्ट डायरेक्टर को भी जांच के लिए शामिल किया गया है।

लल्लूराम डॉट कॉम से खास बातचीत में शिकायतकर्ता ने लगाया बड़ा आरोप

बालाघाट के लांजी से पूर्व विधायक एवं शिकायतकर्ता किशोर समरीते ने लल्लूराम डॉट कॉम से ख़ास बातचीत में कहा, “जितने भी टेंडर हुए वह समय सीमा पर पूरे नहीं हुए। पूरे फर्जी कंपनी से सर्टिफिकेट देकर ठेकेदार से काम पूरा करने के लिए पेनाल्टी नहीं लगाई और कारण बताओ नोटिस नहीं दिया। साथ ही कागजों में समय देते रहे।” 

पूर्व MLA का आरोप- मंडला कार्यपालन यंत्री और मंत्री संपतिया उइके के ड्राइवर ने लिए पैसे

उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि “जल जीवन मिशन में 30 हजार करोड़ रुपए का मध्य प्रदेश सरकार में आबंटन हुआ। जिसमें 1 हजार करोड़ रुपए कमीशन की राशि मंत्री संपतिया उइके को मिला। मंडला के कार्यपालन यंत्री, और संपतिया उइके के ड्राइवर द्वारा पैसे लिए गए। 30 हजार करोड़ में मेकेनिकल विंग में वाविशयोर टेंडर में कोई काम समय पर नहीं हुआ। किसी काम का निरिक्षण नहीं हुआ और 50 परसेंट में काम हुआ।”

‘सीबीआई जांच हुई तो मंत्री की गिरफ्तारी संभव’- किशोर समरीते

उन्होंने यह भी कहा कि “मध्य प्रदेश में 27 हजार गांव में इस योजना से पैसा लगाया गया एक बूंद पानी नहीं मिला। जितने जांच करने वाले नोडल अधिकारी थे, ठेकेदारों पर नियंत्रण करना था, गुणवत्ता पर ध्यान देना था। सारे एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पास SE होते थे, जिसकी जिम्मेदारी ठेकेदार के समय पर काम न करने पर पेनाल्टी लगाना था। किसी ने पेनाल्टी नहीं लगाई। जबकि हर ठेकेदार से 25 लाख रुपए लेकर समय अवधि बढ़ाने के लिए कमीशन लेते रहे। सबसे ज्यादा यह जबलपुर और रीवा में हुआ। अगर सरकार इसकी CBI जांच होती है तो लगभग 54 कार्यपालन यंत्री, मेकेनिकल  विंग के 9 डिवीजन के EE और काफी लोग इसमें बंद होंगे। यह एमपी का बहुत बड़ा घोटाला है। अगर सीबीआई जांच हुई तो मंत्री संपतिया उइके की गिरफ्तारी भी संभव है।”

लल्लूराम डॉट कॉम ने PHE मंत्री से की खास बातचीत

लल्लूराम डॉट कॉम ने PHE मंत्री संपतिया उइके से फोन पर बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “मेरे संज्ञान में नहीं आया है। मैं अधिकारी को फोन लगाकर बात कर रही हूं। अभी जल गंगा संवर्धन अभियान कार्यक्रम का समापन था, वहां हूं। फ्री होकर आपको फोन करती हूं।”

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