शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश साइबर ठगों के लिए सॉफ्ट टारगेट बन गया है। आंकड़े बताते हैं की पिछले 5 साल में प्रदेश के अंदर 1 हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई है। साल 2021 से 13 जुलाई 2025 तक में साइबर ठगों ने नागरिकों से करीब 1054 करोड़ की ठगी की है। ये धोखाधड़ी बैंकिंग फ्रॉड, फर्जी वेबसाइट्स, सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स और ऑनलाइन गेमिंग जैसे माध्यमों से की गई है। ठगी की राशि में से सिर्फ 10 फीसदी ही पुलिस होल्ड करवा पाई।

फ्रॉड के बाद 2 घंटे का समय गोल्डन पीरियड

Lalluram.com ने जब ठगी की राशि वापस नहीं आने कारण का पता लगाया तो सामने आया कि ठगी किसी और शहर में बैठकर की जाती और जिस अकाउंट में पैसा आता है वो किसी और शहर का रहता है और पैसा किसी तीसरे शहर में निकाला जाता है। ठगी की राशि जिस अकाउंट में जाती थी वो गरीब व्यक्ति का होता। साथ ही फ्रॉड के बाद 2 घंटे का समय गोल्डन पीरियड माना जाता है जिसमें राशि को फ्रीज करने की सबसे अधिक संभावना होती है लेकिन जागरूकता की कमी के चलते पीड़ित इतनी जल्दी पुलिस तक नहीं पहुंच पाते।

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताए आंकड़े

कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में सीएम डॉ मोहन यादव ने बताया कि 2020 से 2024 तक साइबर क्राइम के मामलों में साल-दर-साल भारी इजाफा हुआ। जनवरी 2025 से जुलाई 2025 तक प्रदेशभर में कुल 2.48 लाख शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 579 साइबर ठगी के केस थे। अभी तक सिर्फ 166 मामलों का निपटारा हो सका है। 2022 से जुलाई 2025 तक कुल 3541 साइबर अपराध के केस दर्ज किए गए, जिनमें से 717 का समाधान हो सका, जबकि 1575 केस अभी भी लंबित हैं। सबसे अधिक शिकार युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों को बनाया गया है।

साइबर क्राइम में कई गुना बढ़ोतरी

पुलिस की चुनौती: रिकवरी बेहद कम
5 साल में कुल ठगी ₹1054 करोड़
होल्ड की गई राशि ₹105.21 करोड़ (करीब 10%)
पीड़ितों को लौटी रकम ₹1.94 करोड़ (लगभग 2%)

सायबर फ्रॉड गंभीर समस्या

मध्यप्रदेश में बीते पांच सालों में साइबर ठगी ने गंभीर रूप ले लिया है। हालांकि विधानसभा में हैरान करने वाले आंकड़े सामने आने के बाद भाजपा के विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने दावा किया कि सरकार लोगों को जागरूक करने के साथ, नई टेक्नोलॉजी को अपनाकर इन पर अंकुश लगाने का काम कर रही है।

हजारों केस अब भी अधूरे

एक सिंगल क्लिक और आपका अकाउंट खाली, पैसे डबल होने के लालच कई बार इंसान को मुसीबत में डाल देते हैं अगर सायबर फ्रॉड से बचना है तो आपको जागरूक होना पड़ेगा, पुलिस की कोशिशों के बावजूद रिकवरी की दर बेहद कम है और हजारों केस अब भी अधूरे हैं।

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