दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP)के नेता अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) सहित अन्य के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police)को शीघ्र जांच पूरी करने का निर्देश दिया है. इस मामले में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी द्वारा सीडी की जांच रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की गई, जिसे अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने सीलबंद रिपोर्ट के रूप में रिकॉर्ड में लिया.
मजिस्ट्रेट ने कहा, “एफएसएल की ओर से रिपोर्ट दायर की गई है जिसमें कहा गया कि एफएसएल परिणाम एक अगस्त को एकत्र किया गया था.” जांच अधिकारी (आईओ) ने बताया कि उन्हें चार्जशीट तैयार करने के लिए आवश्यक रिपोर्ट की कॉपी प्राप्त नहीं हुई है. इस पर अदालत ने एफएसएल को निर्देश दिया है कि वह एक सप्ताह के भीतर जांच अधिकारी को रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध कराए.
एक एफएसएल अधिकारी सोमवार को अदालत में उपस्थित हुए. इससे पहले, 29 जुलाई को अदालत ने एफएसएल निदेशक को गैरहाजिरी के कारण कारण बताओ नोटिस जारी किया था. 10 जून को, रिपोर्ट न दाखिल करने पर FSL निदेशक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का नोटिस दिया गया था. 23 मई को अदालत ने FSL को CD की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को निर्धारित की गई है.
यह है पूरा मामला
यह मामला 2019 में द्वारका क्षेत्र में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित है. शिकायतकर्ता शिव कुमार सक्सेना की याचिका पर 11 मार्च को अदालत ने पुलिस को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था. इसके बाद, 28 मार्च को अरविंद केजरीवाल, पूर्व विधायक गुलाब सिंह और निगम पार्षद नीतिका शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
शिकायत में यह आरोप लगाया गया कि केजरीवाल, पूर्व मटियाला विधायक गुलाब सिंह (आप) और पूर्व द्वारका ए वार्ड पार्षद नितिका शर्मा ने क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर बड़े होर्डिंग्स लगाकर जानबूझकर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया.
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