लखीमपुर-खीरी. यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है! इलाज के नाम पर मौत बांटी जा रही है. लेकिन दावों में तो यूपी सरकार और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सब चंगा बताते हैं. हालांकि, नवजात की मौत ने बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी. युवक अपने नवजात बच्चे की लाश को झोले में भरकर डीएम कार्यालय पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई. जिसके बाद डिप्टी सीएम की नींद टूटी और अस्पताल को सील करवाया. वहीं महिला का नि:शुल्क इलाज कराने के निर्देश दिए. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि सरकार और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक इसी विकास की बात करते हैं क्या?
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बता दें कि महेवागंज स्थित गोलदार हॉस्पिटल का है. थाना भीरा क्षेत्र के गांव नौसर जोगी का रहने वाला विपिन गुप्ता अपनी गर्भवती पत्नी रूबी को भर्ती कराया था. डिलवरी के दौरान रूबी की तबियत बिगड़ गई थी. जिसके बाद तत्काल इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां डॉक्टरों ने बताया कि गलत दवा देने की वजह से रूबी के पेट में बच्चे की मौत हो गई है.
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उसके बाद डॉक्टरों ने रूबी की डिलवरी कराई और बच्चा मृत निकला. जिसके बाद विपिन गुप्ता नवजात बच्चे के शव को झोले में भरकर डीएम कार्यालय पहुंच गया था. मामले की जानकारी लगते ही अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच हड़कंप मच गया. जिसके बाद सीएमओ के साथ अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच कर कार्रवाई शुरू की थी. जिसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन में आए और कार्रवाई करने के निर्देश दिए. डिप्टी सीएम के निर्देश से अधिकारियो ने हॉस्पिटल को सील किया.
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