मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आज सचिवालय में मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन और वैश्विक रोजगार योजना के सम्बन्ध में बैठक ली. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने दून विश्वविद्यालय और कुमाऊं विश्वविद्यालय के लैंग्वेज स्कूल को मजबूत और प्रभावी बनाए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के भीतर सरकारी नर्सिंग प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विदेशी भाषा को अनिवार्य किया जा सकता है, या इच्छुक प्रशिक्षणार्थियों को इच्छित भाषा का भी प्रशिक्षण देने पर विचार किया जा सकता है.
इस दिशा में अन्वेषण कर लिया जाए. मुख्य सचिव ने प्रदेशभर में बनाए जा रहे पुस्तकालयों में भाषा लैब को भी जोड़े जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इससे पुस्तकालयों में जाने वाले इच्छुक छात्र भाषा लैब में ऑडियो-विजुअल्स के माध्यम से विदेशी भाषाओं को सीख सकते हैं, साथ ही अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी प्रयोग किया जा सकता है. सीएस ने कहा कि प्रशिक्षण पा रहे अभ्यर्थियों को भाषा सीखने के लिए प्रेरित किया जाना आवश्यक है. उन्होंने विदेश रोजगार प्रकोष्ठ और तकनीकी शिक्षा को क्रेडिट आधारित विदेशी भाषा लर्निंग कार्यक्रम संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं. इससे विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण ले रहे युवा विदेशी भाषा सीखने के प्रति प्रेरित होंगे.
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मुख्य सचिव ने जापान, जर्मनी और यूके के दूतावासों से सम्पर्क कर उनके सुझाव लिए जा सकते हैं. अच्छी भाषा सिखाने वाली एजेन्सी को हायर किया जा सकता है. उन्होंने विदेशों में रोजगार के अवसर के लिए दूतावासों के माध्यम से सीधे विदेशी नियोक्ताओं से भी सम्पर्क किए जाने की बात कही. कहा कि इससे विदेशों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि विदेश रोजगार प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार विदेशों में जॉब सूची और रिक्तियों के अनुरूप प्रशिक्षण पा चुके छात्र-छात्राओं को इसकी जानकारी उपलब्ध करायी जा सकती है. इस सूची का प्रचार प्रसार कर अधिक से अधिक लोगों को विदेशों में रोजगार से जोड़ा जा सकता है.
मुख्य सचिव ने विदेश में रोजगार के साथ ही आंतरिक रोजगार की दिशा में निरन्तर प्रयास किए जाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश का युवा स्किल्ड हो इसके लिए भी लगातार प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान की परिस्थितियों के अनुरूप नए नए कोर्स संचालित किए जाने पर फोकस किया जाए. सचिव सी. रविशंकर ने बताया कि विदेश रोजगार प्रकोष्ठ में अभी तक कुल 206 लोगों ने पंजीकरण किया है. जिसमें से नवम्बर, 2025 तक कुल 76 लोगों को विदेश में रोजगार प्राप्त हुआ है. नवाचार योजना के तहत स्टेट नर्सिंग कॉलेजों में 248 अभ्यर्थियों को जर्मन में, 35 को जापानी भाषा का, 62 को फ्रेंच भाषा का, 11 को स्पेनिश और 185 अभ्यर्थियों को अंग्रेजी भाषा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
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