Badlapur Encounter: महाराष्ट्र (Maharashtra) के बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस एनकाउंटर में मौत का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच गया। आरोपी अक्षय शिंदे के पिता ने मंगलवार को याचिका लगाकर एनकाउंटर की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग की है। इसी बीच बदलापुर एनकाउंटर मामले में अब पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। एनकाउंटर पर क्रेडिट लेने की होड़ सरकार में ही शुरू हो गई है। मुंबई के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) दोनों को एनकाउंटर का क्रेडिट देते हुए अलग-अलग पोस्टर लगाए गए हैं। मुंबई के कई इलाके में बदलापुर की जगह ‘बदला पुरा’ नाम के पोस्टर लगाए गए है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की बंदूक से गोली चलाते हुए तस्वीर वाले कई बैनर मुंबई में लगाए गए हैं, जिस पर लिखा गया है कि बदला पूरा हो गया है।

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बता दें कि बदलापुर लैंगिक शोषण मामले के बाद हंगामा हुआ बीजेपी नेता फडणवीस के इस्तीफे तक की मांग की गई थी और अब इस पोस्टर में देवेंद्र फडणवीस के हाथ में रिवॉल्वर व बंदूक लेकर फायरिंग की मुद्रा में दिखाया गया है। ऐसे में बताया जा रहा है बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ही ये पोस्टर लगाए हैं।

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आरोपी अक्षय शिंदे की एनकाउंटर के बाद की फोटो, उसे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया था।

वहीं एनकाउंटर को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में कोहराम मचा हुआ है। एनकाउंटर को लेकर शिव सेना उद्धव गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जिस तरह से आरोपी का एनकाउंटर किया गया है, उससे पता चलता है कि बहुत सी बातें छिपाने की कोशिश की जा रही हैं। वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि लगता है कि आरोपी के एनकाउंटर से विपक्ष इतना दुखी है कि वो उसके लिए श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित कर सकते हैं।

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एकनाथ शिंदे के लिए लगे पोस्टर।

शिंदे के पोस्टर में फडणवीस नहीं

दूसरी ओर मराठी अखबारों में सीएम एकनाथ शिंदे के पोस्टर छपे हैं जिसमें सीएम को धर्मवीर बताया गया है। इन विज्ञापनों में केवल एकनाथ शिंदे दिख रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस या अजित पवार की तस्वीर इस पर नहीं लगी है। पोस्टर में लिखा गया है कि हमारे बेटियों को न्याय देने वाले ऐसा धर्मवीर चाहिए। अब लग रहा है शिवशाही लौट आया है (शिवाजी महाराज के सामाज्र को शिवशाही कहा जाता था)। इस इश्तिहार में एकनाथ शिंदे की तस्वीर है लेकिन गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तस्वीर नहीं है। 

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सरकार ने एनकाउंटर की जांच CID को सौंपी

महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एनकाउंटर की जांच CID को सौंप दी है। ठाणे क्राइम ब्रांच ने आरोपी अक्षय शिंदे का 23 सिंतबर को शाम करीब 6:15 बजे एनकाउंटर किया था, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक ठाणे क्राइम ब्रांच अक्षय को तलोजा जेल से बदलापुर लेकर गई थी। सरकार ने कहा था कि अक्षय ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर फायर किए थे, सेल्फ डिफेंस में पुलिस ने गोली चलाई और अक्षय मारा गया।

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आरोपी अक्षय शिंदे।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की ये वजह आई सामने

एनकाउंटर में मारे गए बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे का मुंबई के जेजे अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, अक्षय की मौत खून बहने से हुई है। सिर में गोली लगने के बाद खून बहने के कारण अक्षय की मौत हुई है। अस्पताल ने शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को हैंड ओवर कर दी है। अस्पताल में 5 डॉक्टर्स की टीम ने 7 घंटे अक्षय का पोस्टमार्टम किया। अक्षय के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी की गई। साथ ही CID की टीम ने मंगलवार को एनकाउंटर वाली जगह जाकर जांच भी की।

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आरोपी ने 1 अगस्त को स्कूल जॉइन किया, 12-13 अगस्त को यौन शोषण किया

बच्चियों से रेप का आरोपी अक्षय शिंदे स्कूल में स्वीपर का काम करता था। वह 1 अगस्त को ही कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। 12 और 13 अगस्त को उसने स्कूल के गर्ल्स वॉशरूम में किंडरगार्टन में पढ़ने वाली 3 और 4 साल की दो बच्चियों का यौन शोषण किया। घटना के बाद दोनों बच्चियां स्कूल जाने से डर रही थीं। एक बच्ची के माता-पिता को शक हुआ तो उन्होंने बेटी से पूछताछ की। इसके बाद बच्ची ने सारी बात बताई। फिर उस बच्ची के माता-पिता ने दूसरी बच्ची के पेरेंट से बात की। इसके बाद दोनों बच्चियों का मेडिकल टेस्ट हुआ, जिसमें यौन शोषण का खुलासा हुआ।

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परिवार वालों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

आरोपी शिंदे की मां ने कहा है कि हम अस्पताल में घंटों इंतजार करते रहे। लेकिन पुलिसवालों ने हमें अक्षय का शव भी देखने नहीं दिया। अक्षय के खिलाफ यौन शोषण के आरोप साबित नहीं हुए थे। वह पटाखे फोड़ने तक से डरता था। पुलिस पर गोली कैसे चला सकता है। एनकाउंटर एक साजिश है। अब हम उसका शव नहीं लेंगे। अक्षय ने बताया था कि पुलिस वाले उसे पीटते थे। दबाव डालकर बयान भी लिखवाते थे। अक्षय के परिवार ने आरोप लगाया कि उसे कस्टडी में जमकर पीटा गया था। मामले को दबाने के लिए एनकाउंटर कर दिया गया। उसका शव भी नहीं देखने दिया। इधर विपक्ष ने सवाल किया- अक्षय हथकड़ी में था, वो फायरिंग कैसे कर सकता है।

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बदलापुर कांड से जुड़ी 10 बातें

  • 1- एनकाउंटर पर इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने कहा कि उन्होंने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की क्योंकि अक्षय शिंदे के व्यवहार से लग रहा था कि वह सभी को मार देगा।
  • 2- अपनी शिकायत में, संजय शिंदे ने कहा कि वह बदलापुर पुलिस द्वारा अक्षय शिंदे की पहली पत्नी की शिकायत पर दर्ज एक अन्य अपराध की भी जांच कर रहे हैं, जिसमें उन पर यौन उत्पीड़न और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया गया है।
  • 3- शिकायत में कहा गया है कि सोमवार शाम को पुलिस की एक टीम अक्षय शिंदे को उसकी पत्नी द्वारा दर्ज मामले की जांच के लिए तलोजा जेल से बाहर ले गई। पुलिस इंस्पेक्टर ड्राइवर के केबिन में ड्राइवर के पास बैठे थे, जबकि दो कांस्टेबल और सहायक पुलिस इंस्पेक्टर नीलेश मोरे अक्षय शिंदे के साथ वैन में पीछे बैठे थे। जब वे शील-दैघर पुलिस स्टेशन के पास पहुंचे, तो एपीआई मोरे ने इंस्पेक्टर संजय शिंदे को बुलाया और उन्हें बताया कि अक्षय शिंदे पूछ रहा था कि वे उसे क्यों ले जा रहे हैं और उसने कौन सा नया अपराध किया है।
  • 4- शिकायत में कहा गया है कि इसके बाद अक्षय शिंदे ने पुलिसकर्मियों को गाली देना शुरू कर दिया, इसलिए इंस्पेक्टर शिंदे ने वैन रोक दी और पीछे के हिस्से में जाकर अन्य लोगों के साथ बैठ गए। अक्षय शिंदे के दोनों ओर एपीआई मोरे और कांस्टेबल अभिजीत मोरे बैठे थे। संजय शिंदे और कांस्टेबल हरीश तावड़े आमने-सामने बैठे थे।
  • 5- शिकायत में कहा गया है कि गोली एपीआई मोरे को लगी और वे बेहोश हो गए। शिकायत में दावा किया गया है कि इसके बाद अक्षय ने पिस्तौल जब्त कर ली और इंस्पेक्टर शिंदे और कांस्टेबल पर तानते हुए कहा, “अब मैं किसी को जिंदा नहीं छोड़ूंगा।”
  • 6- इंस्पेक्टर शिंदे ने दावा किया कि उसने दो राउंड फायर किए, लेकिन वे सफलतापूर्वक चकमा दे गए। संजय शिंदे ने आगे कहा कि अक्षय शिंदे के हाव-भाव से पता चलता है कि वह निश्चित रूप से वैन में सभी को मारने की कोशिश करेगा, इसलिए उसने आत्मरक्षा में एक राउंड फायर किया, जो अक्षय को लगा।
  • 7- शिकायत में कहा गया है कि अक्षय शिंदे गिर गया और कांस्टेबलों ने उसे नीचे गिरा दिया, जबकि वैन कलवा सिविल अस्पताल ले जाई गई, जहां डॉक्टरों ने अक्षय को मृत घोषित कर दिया।
  • 8- अक्षय शिंदे का परिवार बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा अक्षय के परिवार ने पुलिस के बयान को चुनौती देते हुए दावा किया है कि उसकी मौत एक फर्जी मुठभेड़ में हुई है। उसके पिता ने एसआईटी से जांच की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
  • 9- विपक्ष और अक्षय शिंदे के परिजनों ने मंगलवार को पुलिस के बयान में खामियां निकालीं और सरकार पर स्कूल प्रबंधन को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
  • 10- सोमवार रात को उसकी मां और चाचा ने आरोप लगाया था कि यह पुलिस और बदलापुर स्कूल के प्रबंधन की साजिश थी, जहां कथित यौन उत्पीड़न हुआ था। उन्होंने कहा कि अक्षय पुलिसकर्मी का हथियार नहीं छीन सकता था, जैसा कि अधिकारियों ने दावा किया है।

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