टुकेश्वर लोधी, रायपुर. रायपुर पुलिस ने 100 करोड़ रूपए से अधिक की ठगी करने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह का मास्टर माइंड चाय बेचता था, लेकिन इसके बाद इसने एक प्लान बनाया और दोस्तों के साथ मिलकर 400 लोगों से अधिक लोगों को शेयर मार्केट में दोगुना मुनाफा का लालच देकर अपने झांसे में लिया. इस ठगी का हिसाब करते रायपुर पुलिस के भी पसीने छुट गए और अब तक 100 करोड़ रूपए की ठगी का खुलासा हुआ है, लेकिन ऐसी आशंका है कि ठगी की ये राशि जांच में और भी बढ़ सकती है.
जानकारी के अनुसार, ठगी के इस गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ, जब मंदिर हसौद थाना में एक व्यक्ति ने 7 लाख की ठगी की शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में मंदिर हसौद पुलिस ने पहले एक आरोपी को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पुलिस की जांच में ठग गिरोह का पर्दाफाश हुआ और मास्टरमाइंड भूनेश्वर साहू और उसके साथी मनोहर साहू को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी ने ठगी के रकम से करोड़ों की संपत्ति खरीदी है, जिसे पुलिस की टीम सीज करने की कार्रवाई कर रही है. इसके साथ ही पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से प्रकरण से संबंधित पासबुक और करोड़ों रूपये का हिसाब-किताब जप्त कर बैंक खातों होल्ड कर दिया है. वहीं ठगी का एक अन्य आरोपी अब भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान:
- भूनेश्वर साहू, पिता- स्व. गणेश राम साहू, उम्र 38 वर्ष, साकिन, अकोली रोड, अटल विहार कालोनी, आरंग थाना, जिला- रायपुर.
- मनोहर लाल साहु, पिता- फुलसाय साहु, उम्र 34 वर्ष, साकिन, सुमीत लैंडस्केप म.नं. 107 नरदह थाना, जिला- रायपुर.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
जानकारी के अनुसार, प्रार्थी कुबेर वर्मा ने मंदिर हसौद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह मंदिर हसौद के गांव मुनगी में रहता है. मंदिर हसौद में चाय बेंचने वाले भुवनेश्वर साहू ने उसे बताया कि वह शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करता है और बहुत लाभ कमाता है. भुनेश्वर साहू ने प्रार्थी को भी शेयर ट्रेडिंग में इन्वेस्ट करने से दुगुना लाभ दिलाने का झांसा दिया. इस पर कुबेर वर्मा ने आरोपी चायवाले पर विश्वास कर उसके साथी शत्रुहन वर्मा के बैंक खाते और बते गए अन्य बैंक खातों में अलग-अलग किश्तो में कुल 07 लाख रुपए जमा कर दिए.
रकम लेकर फरार हुआ आरोपी
कुछ समय बाद जब प्रार्थी कुबेर वर्मा ने शेयर बाजार में इन्वेस्ट किए गए रकम और उसपर लाभ की जानकारी लेने भुनेश्वर साहू (आरोपी) से संपर्क किया, तो उसका फोन नंबर बंद था. इसके बाद प्रार्थी ने आरोपी के घर जाकर पता किया तो जानकारी मिली कि वह (भुनेश्वर साहू) कहीं चला गया है. इसके बाद प्रार्थी कुबेर ने मंदिर हसौद थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 659/24 धारा 420, 34 भा.द.वि. के तहत अपराध पंजीबद्ध कार्रवाई शुरू कर दी.
रायपुर पुलिस ने की कार्रवाई
ठगी की घटना को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष सिंह ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कीर्तन राठौर, नगर पुलिस अधीक्षक माना लम्बोदर पटेल और थाना प्रभारी मंदिर हसौद को जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने हेतु निर्देशित किया गया. जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में मंदिर हसौद थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पहले ठगी में शामिल शत्रुघन वर्मा को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार, भुनेश्वर साहू अपने साथियों के साथ मिलकर प्रार्थी कुबेर वर्मा समेत कई अन्य लोगों को इसी तरह झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी कर फरार हो गया था.
मास्टरमाइंड की गुमशूदगी की रिपोर्ट कराई गई थी दर्ज
टीम के सदस्यों द्वारा प्रकरण में लगातार फरार चल रहे मास्टरमाईण्ड आरोपी भुनेश्वर साहू एवं संलिप्त अन्य आरोपियों की लगातार पतासाजी की जा रही थी. इसी दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि आरंग थाने में मुख्य आरोपी भूनेश्वर साहू के गुमशूदगी की रिपोर्ट लिखवाई गई थी. जिसके बाद पुलिस ने आज गिरफ्तार आरोपी शत्रुघन वर्मा से सख्ती से पूछताछ में मिली जानकारी और सबूतों के आधार पर मास्टरमाइंड भूनेश्वर साहू को धमतरी से गिरफ्तार किया है.
आरोपी ने कुबूला जुर्म
पुलिस की पूछताछ में ठगी के मास्टरमाइंड भूनेश्वर साहू ने बताया कि पूर्व में वह मंदिर हसौद में ठेला लगाकर चाय बेचने का काम करता था. कुछ समय बाद उसने अपने साथी मनोहर साहू, शत्रुहन वर्मा और 1 अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी करने लगा. पुलिस ने मामले में अब तक मुख्य आरोपी समेत तीन ठगों को गिरफ्तार किया है. वहीं एक अन्य फरार आरोपी की तलाश जारी है.
साथियों को देता था 10% कमीशन
बता दें, आरोपी भुवनेश्वर साहू ठगी करने के लिए उसने अपने साथी मनोहर साहू और 1 अन्य व्यक्ति को 10 प्रतिशत कमीशन में फण्ड जमा करने के लिए कहा था. इसके बाद आरोपी ने साथियो द्वारा एकत्र किये गए ठगी के लगभग 2 करोड़ रूपये को डीमैट अकाउन्ट में इन्वेस्ट कर दिया और बाकी रकम से आरोपी ने अपने और पहचान वालों के नाम पर अचल संपत्ति खरीद ली. वहीं उसने ये भी बताया कि डी मैट अकाउन्ट में इनवेस्ट किये गए 2 करोड़ रुपये भी डूब गए.
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