विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद के निर्देश पर विभागीय लापरवाही के आरोप में दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. निलंबित अधिकारियों में कानपुर देहात के ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक अवनीश कुमार सिंह यादव और फतेहपुर के सहायक निदेशक मत्स्य गिरीश चन्द्र यादव शामिल हैं. मत्स्य मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में विभागीय योजनाओं और लक्ष्यों में किसी भी तरह की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिन अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी.

कानपुर देहात में विभागीय कार्यों में अनियमितताओं के चलते अवनीश कुमार सिंह यादव पर कार्रवाई की गई है. जलाशयों की नीलामी, मत्स्य जीवी सहकारी समितियों का गठन, किसान क्रेडिट कार्ड योजना और मछुआ कल्याण कोष योजनाओं में लक्ष्य प्राप्ति में असफलता उनके खिलाफ मुख्य आरोप हैं.

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यादव पर आरोप है कि उन्होंने मिर्जाताल जलाशय की नीलामी प्रक्रिया को गुमराह करने का प्रयास किया. साथ ही मछुआ दुर्घटना बीमा योजना और मछुआ कल्याण योजनाओं में खराब प्रगति के कारण भी उन पर सख्त कदम उठाए गए हैं.
फतेहपुर के सहायक निदेशक गिरीश चन्द्र यादव पर मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के गठन में जानबूझकर विलंब करने का आरोप है.

समिति गठन में निर्देशों की अनदेखी

फरवरी 2024 में प्राप्त आवेदनों पर समय से कार्रवाई न करने के कारण उन्हें निलंबित किया गया है. उनके खिलाफ यह आरोप है कि उन्होंने समितियों के गठन में उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अनदेखी की. जिससे विभागीय कार्य प्रभावित हुए. निलंबन के दौरान दोनों अधिकारी लखनऊ स्थित मत्स्य निदेशालय से संबद्ध रहेंगे. उप निदेशक मत्स्य, अयोध्या मंडल को मामले की जांच सौंपी गई है. निलंबन अवधि में दोनों अधिकारियों को वित्तीय नियमों के तहत जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा.