पटना. सूत्रों के हवाले बड़ी खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि बिहार में एक बार फिर खेला होने की संभावना बनते हुए दिख रहा है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि बिहार की राजनीति में खेला हो चुका है. दरअसल, सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की गुपचुप तरीके से मुलाकात हुई.

सूत्रों का दावा- 40 मिनट तक हुई मुलाकात

कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव किसी दूसरे जिले में अपने कार्यक्रम में थे. इसी बीच उन्हें नीतीश कुमार का संदेश मिला. जिसके बाद तेजस्वी अचानक पटना पहुंचे. जहां से पार्टी के एक एमएलसी के घर किसी कार्यक्रम में शामिल हुए, फिर कार से आधी रात को अकेले निकल पड़े और इसी दौरान नीतीश कुमार के बेहद खास शख्स से मुलाकात हुई. यह मुलाकात तकरीबन 40 मिनट तक हुई. सूत्रों का दावा है कि इस मुलाकात में आगे की पूरी प्लानिंग लगभग तय कर ली गई है.

तेजस्वी यादव के पोस्ट के क्या मायने?

इससे पहले तेजस्वी यादव ने X पर एक ऐसा पोस्ट भी किया, जिससे बिहार का सियासी बाजार गर्म हो गया. बीजेपी भी उनके इस ट्वीट के कई मयाने निकाल रही है. राजनीति के जानकार और सियासी पंडित अलग-अलग मयाने निकाल रहे हैं. दरअसल, तेजस्वी ने रविवार (22 दिसंबर) को लिखा, ”संघर्षों के सफ़र में रेल सा जीवन है. कितने भी फाटक और सिग्नल हो लेकिन जिस मंज़िल का टिकट है उतरना तो वहीं है.”

नीतीश को मनाने के लिए आरिफ मोहम्मद की जिम्मेदारी?

दावा यह भी किया जा रहा है कि नीतीश कुमार को मनाने की आखिरी कोशिश के तहत आरिफ मोहम्मद खान को बिहार भेजा गया है. आरिफ साहब को मंगलवार को देर रात बिहार का राज्यपाल बना दिया गया है. गौरतलब है कि आरिफ मोहम्मद खान कभी केंद्र सरकार में नीतीश कुमार के साथ कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. दोनों जनता दल में लंबे समय तक साथ रहे हैं और वीपी सिंह के मंत्रिपरिषद् में भी साथ रहे हैं.

क्या खेला हो गया?

राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि संविधान बचाने के लिए सामाजिक पृष्ठभूमि ने हमेशा अहम फैसले लिए हैं. संघी (RSS) विचारधारा का विरोध होता रहा है और सामाजिक पृष्ठभूमि कभी भी संघी ताकतों का नेतृत्व स्वीकार नहीं करती. उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए तेजस्वी यादव ने कभी भी नीतीश कुमार का अपमान नहीं किया. नीतीश कुमार की सियासी पलटी पर शक्ति सिंह यादव ने यह भी साफ बताया कि राजनीतिक बदलाव या पाला बदल की बात जो हो रही है, इस पर पार्टी का नेतृत्व फैसला करेगा.

अमित शाह के इस बयान से नाराज नीतीश!

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एक निजी चैनल के कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह से जब यह पूछा गया कि बिहार के अगला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे या नहीं… तो उनका जो अपुष्ट उत्तर था. उसके बाद से ही बिहार के लिए गठबंधन में आपस में कुछ मतभेद देखने को मिल रहा है.

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NDA की बैठक में हुआ डैमेज कंट्रोल

दूसरी तरफ, मंगवलार को भाजपा कार्यालय में एनडीए घटक दल की एक बैठक हुई, जिसमें जनता दल यूनाइटेड की प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी मौजूद रहे. बैठक के बाद जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि एनडीए घटक दल पूरी तरह से एकजुट होकर हर विधानसभा में बैठक करेगा. इस बैठक के यह भी मयाने निकाला जा रहा है कि बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल कर लिया है.

अटल जी ने सुशासन लाने के लिए नीतीश को गद्दी पर बैठाया था

इसी बीच आज अजट बिहारी बाजपेई की जयंती पर सूबे के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अटल जी ने ही बिहार में सुशासन लाने के लिए मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार को गद्दी पर बैठाने का काम किया था और नीतीश जी लगातार सुशासन की सरकार को चला रहे हैं, बिहार का लगातार विकास हो रहा है.

पाला बदलने को तैयार?

फिलहाल चर्चाओं का यह बाजार गर्म है कि नीतीश कुमार फिर से एक बार पाला बदलने को तैयार हो सकते हैं, अब देखने वाला बात यह होगा कि जो चर्चा बिहार के राजनीतिक गलियारा में चल रहा है. वह कहा तक सच होता है. फिलहाल आज भी नीतीश कुमार अपने घटक दल के नेताओं के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जयंती के अवसर पर साथ नजर आए हैं और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रतिमा पर जाकर माल्यार्पण किया हैं, अब आने वाला समय बताएगा कि नीतीश की नाराजगी किस तरह की है और नीतीश कुमार क्या कुछ चाहते हैं?.

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