कोरोनावायरस महामारी के दौरान वैक्सीन के साथ PPE किट ने भी लोगों की जान बचाई. अब केरल में PPE किट को लेकर विवाद छिड़ गया है. मंगलवार को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने PPE किट खरीदने में हुए घोटाले को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की सरकार ने राज्य में महामारी के दौरान PPE खरीदने में अनियमितता की और करोड़ों का घोटाला किया. इसके बाद, विपक्षी पार्टियों ने हमला बोला है.
CAG रिपोर्ट के अनुसार, PPE किट खरीदने में 10.23 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि सैन फार्मा नाम से कंपनी को लाभ मिलने की कोशिश की गई. यह आरोप लगाया जाता है कि यह कंपनी सबसे ऊंची दरों पर किट बेच रही थी, लेकिन कंपनी को यह अनुबंध दिया गया और फर्म को पहले से ही पूरी रकम दी गई थी. गौरतलब है कि मार्च 2020 में सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार ने PPE किट, एन95 मास्क और अन्य सामग्री खरीदने की विशेष अनुमति दी थी, जो कोविड-19 महामारी के दौरान आवश्यक थे.
550 की PPE किट 1550 रुपए में खरीदी
रिपोर्ट में कहा गया कि 550 रुपए में मिलने वाली PPE किट नहीं खरीदी गई; सरकार ने 1550 रुपए में PE किट खरीदा, 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. मार्च 2020 में केरल में पहला कोविड-19 पॉजिटिव मामला सामने आया था.
जबकि माकपा ने इसे केंद्र द्वारा राजनीतिक षड्यंत्र बताया है, केरल में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि मुख्यमंत्री पी विजयन और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा इस बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के मुख्य दोषी हैं.
रिपोर्ट सामने आने पर विपक्ष ने एलडीएफ सरकार को घेर लिया है. कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने कहा कि सरकार को कोविड-19 महामारी से बचाने से ज्यादा अपनी जेब भरने की चिंता थी. “CAG की गई रिपोर्ट कोविड-19 महामारी के दौरान भ्रष्टाचार के बारे में विपक्ष के आरोपों की पुष्टि करती है.यह घोटाला मुख्यमंत्री और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा की जानकारी में हुआ है,” उन्होंने कहा. वहीं, केके शैलजा ने कहा कि रिपोर्ट की जांच चल रही है.
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