Maharashtra: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और डिप्टी CM एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार (MVA) में झूठे और गलत केस में गिरफ्तार करने की तैयारी मामले में जांच के लिए गृह मंत्रालय ने एसआईटी का गठन किया है. इस SIT की अध्यक्षता मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के ज्वाइंट CP (लॉ एंड आर्डर) सत्यनारायण चौधरी करेंगे. एसआईटी में DIG राजीव जैन, मुंबई पुलिस DCP जोन-6 नवनाथ ढावले और ACP आदिक राव पोल का नाम भी शामिल है.
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SIT को 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को देने के लिए कहा गया है. बता दें कि बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने यह मुद्दा 2024 में नागपुर सत्र के दौरान विधान परिषद में उठाया था. व्यापारी संजय पुनमिया ने दावा किया कि उनके पास एक स्टिंग ऑपरेशन की क्लिप मौजूद है, जिसमें पूर्व ACP सरदार पाटिल किससे बात कर रहे हैं. इसमें वो कहते हैं कि परमबीर सिंह, संजय पुनमिया पर केस लेकर देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को गिरफ्तार करवाने की तैयारी थी.
जानें क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि मुंबई के कुलाबा पुलिस स्टेशन में और ठाणे जिले के ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए उस समय के सरकारी वकील शेखर जगताप ने मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका में इंटरवेंशन करते हुए ठाणे नगर पुलिस स्टेशन मामले में शिकायतकर्ता संजय पूनिया ने अपने वकील रिजवान मर्चेंट के माध्यम से मुंबई हाई कोर्ट में एफआईआर रद्द करने की याचिका का विरोध करते हुए इंटरवेंशन किया और इस दौरान एक वीडियो भी कोर्ट में पेश किया.
वीडियो कथित रूप से पूर्व एसीपी सरदार पाटिल का है जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि यह उस वक्त की महाविकास अघाड़ी सरकार के दबाव में दर्ज किया गया केस था. इसके पीछे का मकसद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को गिरफ्तार करना था. मामले में ठाणे नगर पुलिस ने व्यवसायी संजय पुनमिया की शिकायत के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
व्यवसायी संजय पुनमिया का आरोप था कि संजय पांडे ने उनके खिलाफ अवैध जांच शुरू करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी देकर उनसे और अन्य व्यापारियों से पैसे वसूले. शिकायत के आधार पर पांडे के साथ सेवानिवृत्त एसीपी सरदार पाटिल, पुलिस निरीक्षक मनोहर पाटिल, वकील शेखर जगताप और बिल्डर श्यामसुंदर अग्रवाल और उनके परिवार के दो सदस्यों पर भी मामला दर्ज किया गया था. बता दें श्यामसुंदर अग्रवाल एक समय इस मामले के शिकायतकर्ता पुनमिया का बिजनेस पार्टनर था.
इन धाराओं के तहत केस दर्ज
व्यवसायी संजय पुनामिया ने आरोप लगाया है कि दो अन्य पुलिस अधिकारियों सरदार पाटिल और मनोहर पाटिल ने बिल्डर अग्रवाल और उनके परिवार के दो सदस्यों, शुभम अग्रवाल और शरद अग्रवाल के इशारे पर काम किया. जबकि वकील जगताप ने एक सरकारी दस्तावेज तैयार किया और खुद को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर बताकर कोर्ट को गुमराह किया. पुलिस ने इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 166(ए), 170, 193, 195, 199, 203, 205, 209, 352, 355, 384, 389, 465, 466, 471, 506 तहत केस दर्ज की थी.
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