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शब्बीर अहमद, भोपाल. परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. गलत शपथ पत्र देकर नौकरी मामले में परिवहन विभाग FIR दर्ज करवा सकती है. जबकि कांग्रेस सदन में सौरभ शर्मा मामले को मुद्दा बनाएगी. अवैध चेक पोस्ट और सौरभ शर्मा की पोस्टिंग के जरिए कांग्रेस सदन में सरकार को घेरेगी.
दरअसल, सौरभ शर्मा के पिता राकेश शर्मा स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत थे. 2015 में उनकी मृत्यु के बाद सौरभ ने स्वास्थ्य विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था. लेकिन वह नियुक्ति का पात्र नहीं था, जिसकी वजह से उसे नौकरी नहीं मिल सकी. CMHO ने अधिकार न होने के बावजूद स्वास्थ्य आयुक्त से अनुरोध किया कि सहायक वर्ग-3 का पद रिक्त न होने की वजह से सौरभ को स्वास्थ्य विभाग के अलावा कहीं और नियुक्त कर दिया जाए. जिसके बाद 29 अक्टूबर 2016 को सौरभ शर्मा की भर्ती हुई थी.
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18 दिसंबर को लोकायुक्त का छापा, IT ने बरामद किया था सोना और कैश
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में सौरभ शर्मा के घर छापामार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को खाली प्लॉट पर खड़ी एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी के होने की सूचना दी थी, जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए थे।
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52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मिलने के बाद शुरू हुई जांच
कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था, जिसके बाद IT की टीम ने कांच तोड़कर अंदर से बैग बाहर निकला। जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था। जिसके बाद से लोकायुक्त के बाद ED और IT भी सक्रिय हो गई।
27 दिसंबर को ED ने कई ठिकानों पर मारा छापा, 6 करोड़ से अधिक की FD बरामद
27 दिसंबर को जांच एजेंसियों ने सौरभ शर्मा के रिश्तेदारों और सहयोगियों के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित आवास में जांच एजेंसियों ने छापामार कार्रवाई की। इस दौरान अलग-अलग ठिकानों पर सर्चिंग के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए। वहीं सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की FD मिली थी। परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक बैलेंस भी मिला। 23 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया।
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