भाषा विवाद के बीच तमिलनाडु (Tamil Nadu) सरकार ने राज्य के बजट में करेंसी के सिंबल को हटा दिया है. स्टालिन सरकार ने ‘₹’ के सिंबल की जगह तमिल अक्षर में ‘ரூ’ सिंबल से रिप्लेस कर दिया है. यह तमिल (Tamil) लिपी का अक्षर ‘रु’ है. बता दें कि यह पहली बार है जब किसी राज्य ने नेशनल करेंसी सिंबल को अस्वीकार किया है.

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गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार लगातार केंद्र सरकार पर हिंदी थोपे जाने का आरोप लगा रही है. इस बीच स्टालिन सरकार ने विरोध करने का नया पैंतरा आजमाते हुए नेशनल करेंसी लोगों को हटाने का फैसला लिया है. राज्य सरकार ने बजट लोगो में रुपये के प्रतीक को तमिल अक्षर ‘Ru’ से बदल दिया है.

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तमिलनाडु द्वारा NEP 2020 के प्रमुख पहलुओं, विशेष रूप से त्रि-भाषा फार्मूले को लागू करने से इनकार कर दिया गया था. स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार का तर्क है कि एनईपी के माध्यम से केंद्र सरकार तमिल भाषी आबादी को हिंदी सीखने पर मजबूर करना चाहती है. सीएम एम के स्टालिन ने NEP को हिंदी को बढ़ावा देने वाली भगवा नीति बताया है. मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, हम एनईपी 2020 का विरोध करते हैं, क्योंकि यह शिक्षा क्षेत्र में तमिलनाडु की प्रगति को पूरी तरह से नष्ट कर देगी.

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जानें कब अपनाया गया था ₹ सिंबल?

आपको बता दें कि, भारतीय रुपये का चिन्ह ₹ आधिकारिक तौर पर 15 जुलाई, 2010 को अपनाया गया था. एक डिजाइन प्रतियोगिता के बाद 5 मार्च, 2009 को सरकार ने इस घोषित किया था. साल 2010 के बजट के दौरान तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने एक ऐसा प्रतीक पेश करने की घोषणा की थी जो भारतीय लोकाचार और संस्कृति को प्रतिबिंबित और समाहित करेगा. वित्त मंत्री के घोषणा के बाद एक सार्वजनिक प्रतियोगिता शुरू हुई, जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान डिज़ाइन का चयन किया गया.

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