
शीतला अष्टमी (बसौड़ा) के दिन कुछ परंपरागत नियम होते हैं, जिनका पालन करना शुभ माना जाता है। शीतला अष्टमी 22 मार्च को मनाई जाएगी। खासतौर पर महिलाओं के लिए कुछ कार्यों को इस दिन वर्जित बताया गया है। शीतला अष्टमी का पालन करने से माना जाता है कि माता प्रसन्न होकर संक्रामक रोगों से रक्षा करती हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आइए जानते हैं कि इस दिन किन कार्यों से बचना चाहिए।

चूल्हा जलाना या खाना बनाना
इस दिन घर में ताजा भोजन बनाने की मनाही होती है। एक दिन पहले ही भोजन तैयार कर लिया जाता है और ठंडा भोजन ही खाया जाता है।
बाल न धोएं
मान्यता है कि इस दिन बाल धोने से माता नाराज हो सकती हैं। इसीलिए महिलाएं इस दिन स्नान तो करती हैं लेकिन बाल नहीं धोतीं।
सिलाई-कढ़ाई और बुनाई न करें
इस दिन सुई-धागे का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इससे देवी शीतला की कृपा बाधित हो सकती है।
झाड़ू न लगाएं
घर में झाड़ू-पोछा लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह दिन विशेष रूप से स्वच्छता और शीतला माता की कृपा के लिए समर्पित होता है।
पेड़-पौधों में पानी न डालें
मान्यता है कि इस दिन पेड़-पौधों को पानी देने से अनिष्ट फल मिल सकता है। इसलिए इस दिन पौधों की सिंचाई नहीं की जाती।
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