राहुल परमार, देवास। पुलिस ने नकली नोटों की छपाई और सप्लाई में लगे हाईटेक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर ₹15.41 लाख की जाली करेंसी, प्रिंटर, स्कैनर, लैपटॉप और आधे-छपे नोट बरामद किए हैं। हैरानी की बात यह है कि इस गोरखधंधे की साजिश जेल के अंदर से रची गई थी। देवास एसपी पुनीत गेहलोद ने प्रेसवार्ता में मामले का पर्दाफाश किया।
दरअसल पुलिस को सूचना मिली कि दो युवक सचिन नागर और शुभम वर्मा नकली नोट लेकर घूम रहे है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को पकड़ा और ₹1.96 लाख की नकली करेंसी जब्त की। पूछताछ में खुलासा हुआ कि सोनकच्छ में राजकुमार मालवीय अपने घर को ही नकली नोटों की फैक्ट्री बनाए बैठा है। जहां पुलिस ने दबिश देकर राजकुमार और उसके साथी सुनील पाटिल को गिरफ्तार किया और ₹13.25 लाख के नकली नोट और छपाई के उपकरण बरामद किए। इसके बाद एक अन्य आरोपी शक्ति सिंह चावड़ा को भी पकड़ा गया। सुनील पाटिल के खिलाफ पहले से देशभर में नकली नोटों के 8 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। यह वही शातिर आरोपी है जिसने जेल में रहते हुए यह नेटवर्क खड़ा किया था। इस गैंग द्वारा नकली नोटों को और कहां कहां खपाया गया है, इस संबंध में जांच की जा रही है।

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