गुरुवार को गुजरात कि राजधानी अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 हादसे में कुल 265 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 241 लोग विमान में सवार यात्री और चालक दल के सदस्य थे। बाकी लोग विमान जिस इमारत से टकराया, उसमें थे। इस दर्दनाक घटना ने हवाई सफर को लेकर लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। लोग अब हवाई सफर करने से कतरा रहे हैं। इस बीच दुबई के एक फ्लाइट टेक्नीशियन ने भारत में विमानों की सुरक्षा जांच को लेकर बड़ा खुलासा किया है।

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दुबई में एमिरेट्स के साथ काम करने वाले फ्लाइट टेक्नीशियन अभिराम सिंह ने कहा कि भारत और दुबई में विमानों के रखरखाव में बहुत अंतर है। उन्होंने कहा कि, “भारत में, ग्राउंड स्टाफ बेस पर सिर्फ़ एक बार जांच करता है, जबकि दुबई में, प्रत्येक विमान के लिए तीन से चार बार जांच की जाती है। इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि भारत में इस जांच के लिए इंजीनियर आएंगे। जांच की गुणवत्ता बहुत खराब है,” उन्होंने आगे कहा, मार्च 2025 तक, भारत के बेड़े का 16 प्रतिशत, लगभग 133 विमान, ग्राउंडेड हैं।

गो एयरलाइंस सबसे ज़्यादा प्रभावित हुई, जिसने दोषपूर्ण इंजन के कारण वित्त वर्ष 2024 में अपने बेड़े के लगभग आधे हिस्से को ग्राउंडेड कर दिया। एक अन्य एयरलाइन, इंडिगो के 30 जनवरी 2025 तक लगभग 60 से 70 विमान ग्राउंडेड थे। रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) पर नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, आपूर्ति श्रृंखला और इंजन की विफलता भारत के इंजन विकास में बाधा डालती है।

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सरकार बोइंग विमानों की करवाएगी जांच

सरकार अब यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोइंग के ड्रीमलाइनर 787-8 विमान को उड़ानों से दूर रखने पर विचार कर रही है। इस विमान को अमेरिकी प्लेन निर्माता कंपनी बोइंग ने तैयार किया है। हादसे की जांच के बाद यह फैसला लिया जाएगा। जानकारी के अनुसार टेक ऑफ मापदंडो की भी जांच करवाएगी सरकार।

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विमानों का सेफ्टी रिव्यू होगा

सूत्रों का कहना है कि विमान का सेफ्टी रिव्यू होगा और उसके बाद ही फैसला होगा कि ये उड़ान के लिए सुरक्षित हैं या फिर नहीं। यही नहीं एयर इंडिया की भी जांच हो सकती है कि आखिर वह विमानों का रखरखाव कैसे करता है। गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट क्रैश हो गई थी और विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे ने हवाई सफर में सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। विमान ने करीब 1:30 पर उड़ान भरी थी और एक मिनट से भी कम के अंतराल पर वह नीचे आ गिरी।

एविएशन एक्सपर्ट्स का इस हादसे को लेकर कहना है कि ऐसी भी संभावना है कि दोनों इंजन सही से न चल रहे हों। इसके अलावा किसी पक्षी के टकराने की भी आशंका है। आमतौर पर पक्षियों के टकराने से विमान हादसे का शिकार होते रहे हैं। फिलहाल बोइंग का भी बयान इस मामले में आया है और उसका कहना है कि हम एयर इंडिया के साथ संपर्क में हैं।

DGCA ने जारी किए सख्त निर्देश

DGCA ने उड़ान से पहले कई अहम तकनीकी जांचों का निर्देश दिया है, जिसमें फ्यूल पैरामीटर मॉनिटरिंग, कैबिन एयर कंप्रेसर सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल टेस्ट, इंजन फ्यूल एक्टुएटर ऑपरेशन, ऑयल सिस्टम और हाइड्रोलिक सिस्टम की सेवा जांच शामिल है. इसके साथ ही टेकऑफ से पहले के पैरामीटर्स की समुचित समीक्षा करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

इसके अलावा DGCA ने आदेश दिया है कि ‘फ्लाइट कंट्रोल इंस्पेक्शन’ को ट्रांजिट निरीक्षण में जोड़ा जाए और यह प्रक्रिया अगले आदेश तक जारी रखी जाए. साथ ही दो सप्ताह के भीतर पावर एश्योरेंस चेक्स कराना भी अनिवार्य किया गया है. साथ ही पिछले 15 दिनों में बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों में सामने आए रिपिटिटिव तकनीकी खराबियों (snags) की समीक्षा करने और उनसे जुड़े सभी मेंटेनेंस कार्यों को जल्द से जल्द निपटाने के आदेश भी दिए गए हैं.

जानकारी के मुताबिक DGCA का यह कदम एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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