पटना। बिहार में इस बार का विधानसभा चुनाव राजनीतिक दृष्टि से बेहद रोमांचक होने जा रहा है। कई नई पार्टियां अपने दम पर चुनाव मैदान में उतर रही हैं, वहीं पुरानी और दिग्गज पार्टियां भी अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं। इस बीच राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (पीके) की पार्टी जन सुराज भी अपनी चुनावी तैयारियों में जुटी है। प्रशांत किशोर ने साफ किया है कि उनकी पार्टी किसी भी अन्य दल के साथ चुनाव पूर्व या चुनाव के बाद गठबंधन नहीं करेगी।
स्वच्छ छवि होना सबसे बड़ी प्राथमिकता
प्रशांत किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि जन सुराज से चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को एक सख्त शर्त माननी होगी, जो है ‘साफ सुथरी छवि’। उन्होंने कहा कि पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं की छवि जनता के बीच अच्छी होनी चाहिए। यदि गलती से कोई ऐसा नेता पार्टी की ओर से टिकट पा जाता है जिसकी छवि संदिग्ध होती है, तो पार्टी जनता से अपील करेगी कि वे उसे वोट न दें। पीके ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमारी पार्टी से टिकट पाने के लिए स्वच्छ छवि होना सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इसी आधार पर टिकट बांटे जाएंगे।”
मजबूत दावेदार माना जा रहा
वहीं, बिहार की राजनीति से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण खबर यह है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने जल्द ही अपने नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, 14 जून को आरजेडी के प्रदेश कार्यालय में नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके बाद औपचारिक चुनाव के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी। चर्चा है कि अति पिछड़े समाज से जुड़े नेता मंगली लाल मंडल को इस पद के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है। यदि यह सही रहता है तो वे मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की जगह लेंगे।
इस प्रकार बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों में कई बदलाव और रणनीतियाँ नजर आ रही हैं, जो चुनावी परिणामों को भी प्रभावित कर सकती हैं। जनता की नजर अब इन नई तैयारियों और बदलावों पर टिकी हुई है।
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