प्रशांत सिंह, जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में वर्ष 2021 में हुई एक संगठित लूटपाट और उगाही के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना से जुड़े छह पदाधिकारियों और सदस्यों को दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने 7-7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला बम्हनीडीह थाना क्षेत्र का है, जहां दिनदहाड़े एक कीटनाशक दवा दुकान में घुसकर आरोपियों ने मारपीट, गाली-गलौच और जबरन एक लाख रुपये की उगाही की थी। इस पूरे मामले की पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक योगेश गोपाल ने की।


यह वारदात 27 अगस्त 2021 को दोपहर के समय घटी थी, जब छह आरोपियों ने मिलकर बम्हनीडीह क्षेत्र में स्थित एक कीटनाशक दवा दुकान में घुसकर दुकानदार से बदसलूकी की। उन्होंने न सिर्फ गाली-गलौच और मारपीट की, बल्कि एक लाख रुपये की जबरन उगाही भी की। घटना के बाद पीड़ित ने थाना बम्हनीडीह में मामला दर्ज कराया, जिसकी गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्परता से जांच शुरू की।
मामले में अपर सत्र न्यायाधीश (FTC), जांजगीर की अदालत ने सभी अभियुक्तों को IPC की धारा 147, 148, 452, 323 (तीन बार), 386 के तहत एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके साथ ही IPC की धारा 397 के तहत सभी को 7 साल के सश्रम कारावास और 500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड नहीं चुकाने पर 1 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
इसके अलावा आरोपी भोला कश्यप को आयुध अधिनियम की धारा 25(1)(1-ख)(ख) के अंतर्गत 3 साल के सश्रम कारावास और 200 रुपये के जुर्माने की सजा दी गई।
दोषी ठहराए गए आरोपियों में भूपेन्द्र कुमार रात्रे, लक्की उर्फ लोकेश कुमार वर्मा, तरुण साहू, कुणाल बघेल, भोला कश्यप, रामपल कश्यप शामिल हैं।
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