टुकेश्वर लोधी, आरंग। इन दिनों आरंग भाजपा मंडल में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। कुछ दिन पहले आरंग भाजपा मंडल अध्यक्ष देवनाथ साहू ने पहली कार्यकारिणी की घोषणा की थी। कार्यकारिणी की घोषणा होते ही भाजपा कार्यकर्ताओं में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वर्तमान मंडल अध्यक्ष देवनाथ साहू को हटाने की मांग के बाद भी उन्हें दोबारा अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिससे कार्यकर्ताओं में पार्टी संगठन पर असंतोष और बढ़ गया।

कार्यकर्ताओं ने बताया कि आरंग मंडल की पूरी कार्यकारिणी सूची भाजपा जिला मंत्री और पूर्व मंडल अध्यक्ष अभिषेक राजा तंबोली के अनुसार बनाई गई है, जिसमें अयोग्य लोगों को शामिल किया गया है। कार्यकारिणी गठन की जानकारी आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब को भी नहीं है। कार्यकारिणी में ऐसे व्यक्तियों को पद दिया गया है जिन्हें भाजपा की मूल विचारधारा की समझ भी नहीं है। इनमें कई ऐसे कार्यकर्ता हैं जिन्हें जबरन पद को सौंपा गया है। भाजपा नेता सूरज शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर देवनाथ साहू द्वारा जारी की गई नई कार्यकारिणी को जल्द भंग कर नए मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई तो कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। उन्होंने कहा कि आरंग भाजपा संगठन को एक व्यक्ति विशेष की निजी संस्था बना दिया गया है।

आरंग में आयोजित 11 साल बेमिसाल के कार्यक्रम में हुई तीखी नोंकझोंक

सूत्रों के अनुसार जानकारी मिली है कि गुरुवार को आरंग के सद्भावना भवन में मोदी सरकार के 11 साल पूर्ण होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब उपस्थित थे। कार्यकर्ताओं ने विधायक के सामने नई कार्यकारिणी गठन पर नाराजगी जताई। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं में तीखी नोंकझोंक भी शुरू हो गई जिसे विधायक ने शांत किया।इसके बाद विधायक ने कहा कि अगर कार्यकर्ताओं के हित और सम्मान को ठेस पहुंचेगा तो वे कार्यकर्ताओं के साथ है। मामले में जहां भी शिकायत की जायेगी मैं स्वयं वहां कार्यकर्ताओं के साथ जाऊंगा।

पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप

भाजपा आरंग मंडल में कार्यकर्ताओं की नाराजगी अब खुल कर सामने आने लगी है।जानकारी के अनुसार भाजपा के कई कार्यक्रमों में आरंग मंडल में निवासरत प्रांत पदाधिकारी और मोर्चा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों की लगातार उपेक्षा हो रही है। उन्हें कार्यक्रम में बुलाया नहीं जाता है। इससे आरंग में भाजपा संगठन काफी कमजोर होते जा रही है। आरंग भाजपा की वर्तमान स्थिति को देखकर लगता है कि यदि भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं के हित में निर्णय नहीं लिया तो संगठन को बड़ी क्षति का सामना करना पड़ सकता है।