रणजीत कुमार सम्राट, लखीसराय। बिहार के लखीसराय में वाहन चेकिंग के नाम पर पुलिस की कथित गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ-साफ देखा जा रहा है कि कैसे एक शख्स मोटरसाइकिल सवार को रोकता है, लेकिन उससे सवाल और हेलमेट नहीं पहनने का कारण पूछने की बजाय वह दनादन उसपर लाठियां बरसाने लगता है। लाठी चला रहा व्यक्ति, जो वर्दी में नहीं है, लेकिन वह खाकी वर्दी वालों के साथ खड़ा है।

वायरल वीडियो को लेकर लोगों में भारी गुस्सा

वीडियो के सामने आने के बादे इसे लेकर लोगों में भारी गुस्सा है। लोग यह सवाल कर रहे हैं कि आखिर कौन है ये सफेद शर्ट वाला अधिकारी? किस संविधान से इसे ये विशेषाधिकार मिल गया है कि वह एक नागरिक पर इस तरह हाथ उठाए? क्या सड़क पर चेकिंग अब कानून का नाम लेकर निजी प्रहार का बहाना बन चुका है? खाकी वर्दी जिसके साथ है, वो चुप है। वह न रोकता है, न टोकता है, मानो उसे आदेश मिला हो कि “देखो, लेकिन कुछ मत कहो।” वर्दी के साये में जो ये हिंसा हो रही है, वो सिर्फ लाठी नहीं है, ये जनता की गरिमा, उसका आत्मसम्मान और उसके अधिकारों पर हमला है।

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं

अब सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर ये ‘सफेद शर्टधारी’ अकेला होता, बिना वर्दीवालों के साथ, तो क्या उसे ये हिम्मत होती?
क्या जनता उसे वैसे ही खामोशी से सहती? और तब, क्या पुलिस भी उतनी ही चुप रहती? यह सिर्फ एक लाठी प्रहार नहीं है।
यह सत्ता और सुरक्षा तंत्र की मिलीभगत का एक ऐसा दृश्य है, जो हर जागरूक नागरिक को शर्मसार करता है। लखीसराय के जिला परिवहन पदाधिकारी, जो इस तरह से कई बार वाहन चेकिंग के नाम पर कई बार इस तरह की घटनाओं का अंजाम दे चुके हैं l इस घटना की सरेआम निंदा हो रही है। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी की प्रशासन इस वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए क्या कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं?

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