वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। कोटा विकासखंड के ग्राम खोंगसरा स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में शनिवार को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) डॉ. अनिल तिवारी के औचक निरीक्षण के दौरान भारी लापरवाही सामने आई। स्कूल में दर्ज करीब 200 विद्यार्थियों में से केवल 12 छात्र ही पहुंचे थे। हैरानी की बात यह रही कि प्राचार्य ने इन छात्रों को पढ़ाई कराने के बजाय छुट्टी घोषित कर उन्हें वापस घर भेज दिया।

प्राचार्य ने बिना अनुमति दिए पंजी में छुट्टी चढ़ाई

निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि स्कूल के प्रभारी प्राचार्य श्री लहरें ने बिना किसी आवेदन के अनुपस्थित शिक्षकों की सीएल (अवकाश) पंजी में दर्ज कर दी थी। जब डीईओ ने अनुपस्थित शिक्षकों के आवेदन पत्र मांगे, तो प्राचार्य जवाब देने में असमर्थ रहे।

गप्पें, अव्यवस्था और बिना टाइम टेबल का संचालन

निरीक्षण में कुछ शिक्षक भले ही उपस्थित मिले, लेकिन वे कक्षाओं में न होकर आपस में बातचीत में व्यस्त थे। स्कूल में न तो कोई टाइम टेबल जारी किया गया है, न ही पाठ्यक्रम की योजना बनाई गई है। शिक्षकों की डायरी भी अपडेट नहीं थी।

9 को कारण बताओ नोटिस, 4 अनुपस्थित शिक्षक जांच के घेरे में

डीईओ डॉ. तिवारी ने इस पूरे प्रकरण को गंभीर अनुशासनहीनता और कर्तव्य में लापरवाही मानते हुए प्राचार्य सहित कुल 9 शिक्षकों व कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बिना आवेदन पत्र के अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों में व्याख्याता एम. मीणा, सविता गांगुली, व्यायाम शिक्षिका डॉ. किरण सरावगी, कर्मचारी डी.के. चतुर्वेदी का नाम शामिल हैं। इनके साथ ही, स्कूल में उपस्थित होकर भी जिम्मेदारी से बचते नजर आए 4 अन्य शिक्षकों पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है।

गौरतलब है कि शासकीय स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने और शैक्षणिक अनुशासन स्थापित करने के लिए लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं, लेकिन खोंगसरा स्कूल की तस्वीर बता रही है कि जमीनी स्तर पर सुधार की अभी भी सख्त ज़रूरत है। डीईओ के इस कड़े रुख के बाद उम्मीद की जा रही है कि जिले के अन्य स्कूलों में भी अनुशासन का पालन सुनिश्चित होगा।

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