सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)आज निमिषा प्रिया (Nimisha Priya)के मामले में याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह भारतीय नर्स को बचाने के लिए राजनयिक प्रयास करे. केरल की निवासी निमिषा को यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है, और उसे 16 जुलाई को फांसी दी जानी है. आरोप है कि उसने 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल आब्दो की हत्या की थी. निमिषा के परिवार ने उसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में निमिषा के मामले से संबंधित एक याचिका दायर की गई है, जिसमें यह विचार किया जाएगा कि निमिषा को फांसी से बचाने के लिए यमन के पीड़ित परिवार को ‘ब्लड मनी’ देने का विकल्प क्या हो सकता है. याचिका में यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि यमन में शरिया कानून के तहत ‘ब्लड मनी’ का प्रावधान मान्य है. अनुमान है कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम सेठ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच द्वारा की जाएगी. यह केस 10 जुलाई को अर्जेंट सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था.
किसने लगाई है याचिका
एडवोकेट सुभाष चंद्रा केआर ने निमिषा केस में एक याचिका प्रस्तुत की है, जिसमें यह तर्क दिया गया है कि यदि पीड़ित के परिवार को ब्लड मनी दी जाती है, तो वे केरल की नर्स को माफ कर देंगे. इस स्थिति में निमिषा की फांसी रुक जाएगी. निमिषा प्रिया के परिवार ने 8.6 करोड़ रुपए ब्लड मनी के रूप में देने की पेशकश की है, और उन्हें उम्मीद है कि तलाल आब्दो का परिवार इस राशि को स्वीकार करेगा, जिससे निमिषा की जान बचाई जा सकेगी.
2017 में हुई थी हत्या
यमन की अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, जुलाई 2017 में निमिषा प्रिया ने अपने स्थानीय व्यापारिक साझेदार तलाल अब्दो मेहदी की हत्या करने के लिए उसे नशीला पदार्थ दिया. इसके बाद, एक अन्य नर्स की सहायता से उसने मेहदी के शरीर को टुकड़ों में काटकर एक भूमिगत टैंक में फेंक दिया. जब मेहदी की हत्या का खुलासा हुआ, तो निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया, और उसने अपने एक बयान में हत्या की बात स्वीकार की.
यमन के राष्ट्रपति से माफी नहीं
सना की अधीनस्थ अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई है. उसने इस निर्णय को यमन की सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी, लेकिन उसकी अपील खारिज कर दी गई और सजा बरकरार रही. सूत्रों के अनुसार, निमिषा ने यमन के राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने माफी देने से इनकार कर दिया. मृतक तलाल अब्दो मेहदी का परिवार भी हत्या के मामले में मुआवजे के रूप में ब्लड मनी लेने को तैयार नहीं है. निमिषा प्रिया के लिए सभी कानूनी प्रयास किए गए, लेकिन गंभीर आरोपों के कारण ये प्रयास सफल नहीं हो सके.
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