वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। हाईकोर्ट ने जांजगीर-चांपा जिले में तालाब में डूबकर चार बच्चों की मौत के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है। बीते शनिवार को जांजगीर-चांपा के भैंसतरा गांव में स्कूल से लौटते समय नहाने गए भाई-बहन समेत चार बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी।

इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और विभु दत्त गुरु की डबल बेंच में जनहित याचिका के रूप में सोमवार को सुनवाई हुई। जिसमें मुख्य न्यायाधीश ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कितनी गलत बात है कि स्कूल से लौटते वक्त 4 बच्चे पानी में डूब जाते हैं। यह सरकार की भी जिम्मेदारी है। वहीं कांकेर में मीडिया में आई एक अन्य खबर पर भी संज्ञान लिया गया है, जिसमें स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालते हुए नाला पार कर स्कूल जाने की मजबूरी नजर आई। इन दोनों खबरों के मीडिया में आने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। इस मामले में राज्य शासन की तरफ से मुख्य सचिव को व्यक्तिगत शपथ पत्र में जवाब देने का आदेश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को रखी गई है।

क्या है पूरा मामला?

12 जुलाई को जांजगीर-चांपा जिले के बलोदा थाना क्षेत्र के भैंसतरा गांव में चार बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। मृतक बच्चों की पहचान पुष्पांजलि श्रीवास (8 वर्ष), तुषार श्रीवास (5 वर्ष), ख्याति केंवट (6 वर्ष) और अंबिका यादव (6 वर्ष) के रूप में हुई है। बताया गया कि सभी बच्चे स्कूल से लौटने के बाद खाना खाकर खेलने निकले थे और इसी दौरान तालाब में नहाने के लिए उतर गए। दोपहर करीब 2 बजे गांव के एक व्यक्ति ने तालाब में बच्चे को डूबते देखा और ग्रामीणों को सूचना दी। ग्रामीणों की मदद से चारों बच्चों के शव तालाब से निकाले गए और बलौदा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।