रायपुर। कारोबारी हेमंत चंद्राकर ने ईडी के अधिकारी पर पूछताछ के नाम पर मानसिक प्रताड़ना और मारपीट करने का आरोप लगाया है. पीड़ित की याचिका पर आज हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष से कहा कि अपना बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराएं. साथ ही ईडी अधिकारी (आरोपी) के खिलाफ एक आवेदन दाखिल करने और मेडिकल जांच के लिए भी एक आवेदन पेश करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट के इस फैसले पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने उच्च न्यायालय का आभार जताया है और भाजपा पर निशाना साधा है.
भूपेश बघेल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि ED के अधिकारियों द्वारा व्यापारी हेमंत चंद्राकर की बेरहमी से की गई पिटाई और अत्याचार पर पीड़ित की दायर याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं कि संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सक्षम मजिस्ट्रेट की अदालत में आपराधिक मामला दर्ज किया जाए. साथ ही अदालत के माध्यम से हेमंत चंद्राकर का चिकित्सकीय परीक्षण कराया जाए. इससे प्रथम दृष्टया यह साबित होता है कि ईडी जैसी एजेंसी गलत तरह से काम कर रही है. ED के साथ छत्तीसगढ़ पुलिस के उन “कमल छाप” जिम्मेदारों को भी संभल जाना चाहिए, जो कानून के खिलाफ जाकर षड्यंत्र का हिस्सा बन रहे हैं. समय बीतेगा. सवेरा होगा.


ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और सौरभ पांडे ने पक्ष रखा, जबकि हेमंत चंद्राकर (याचिकाकर्ता) की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा और गगन तिवारी ने पैरवी की. हाइकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं. हेमंत के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता के साथ मारपीट की गई है. वहीं ईडी की तरफ से कहा गया कि कोई थर्ड डिग्री टॉर्चर नहीं किया गया है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ED के वकील का बयान रिकॉर्ड कराया.
जानिए पूरा मामला
दरअसल, कांग्रेस नेता हेमंत चंद्राकर को 29 सितंबर को सुबह 10:30 बजे पूछताछ के लिए रायपुर स्थित ED कार्यालय बुलाया गया था. पूछताछ रात 8:30 बजे तक चली. चंद्राकर का आरोप है कि सभी को जाने दिया, लेकिन मुझे रोक लिया गया. प्रताड़ित करने के बाद अगले दिन फिर से आने को कहा गया. हेमंत चंद्राकर ने यह भी आरोप गया है कि ED के अधिकारी ने मुझसे जबरन पूर्व सीएम भूपेश बघेल, विजय भाटिया, रामगोपाल वर्मा, आशीष वर्मा, मंदीप चावला और उनके एजेंट आदित्य अग्रवाल, शास्वत जैन, किशोर चंद्राकर, सतपाल सिं छाबड़ा का नाम लेकर स्वीकार करने बोला गया कि ये लोग 60 प्रतिशत कमीशन के जरिए काम कर रहे हैं.
हेमंत ने यह भी कहा है कि उन्हें और उनके परिवार को जानबूझकर प्रताड़ित किया जा रहा है. शिकायत में लिखा गया है कि अधिकारी अवैध तरीके से बयान लेने का प्रयास कर रहे हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है. पीड़ित हेमंत ने सिटी कोतवाली थाने में लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की थी.
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