Supreme Court: सोमवार (15 दिसंबर, 2025) एक संस्था के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात के मामले में जांच पूरी होने तक अभिनेता श्रेयस तलपडे और आलोक नाथ को गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर कोई अभिनेता या क्रिकेटर किसी कॉर्पोरेट कंपनी के लिए विज्ञापन देता है और वह कंपनी दिवालिया हो जाती है तो क्या इसका असर क्रिकेटर या अभिनेता पर भी पड़ेगा. जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान श्रेयस तलपडे के वकील ने कहा कि अभिनेता को कंपनी के वार्षिक कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बुलाया गया था. मैंने इसके लिए कभी कोई पैसा नहीं कमाया. इसी तरह आलोक नाथ के वकील ने बताया कि अभिनेता किसी भी समारोह में शामिल नहीं हुए हैं और उनकी तस्वीर 10 साल पहले इस्तेमाल की गई थीं.

बेंच ने कहा, ‘हम (तालपडे द्वारा दायर) इस रिट याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराधों की जांच पूरी होने तक हमारे द्वारा जारी की गई गिरफ्तारी से सुरक्षा के अंतरिम आदेश को जारी रखते हैं.’ सुप्रीम कोर्ट श्रेयस तलपडे और आलोक नाथ द्वारा इस मामले में विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था.

सोनीपत निवासी 37 वर्षीय विपुल अंतिल की शिकायत पर श्रेयस तलपडे औ आलोकर नाथ समेत 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. अंतिल ने आरोप लगाया कि दोनों अभिनेताओं ने ब्रांड एंबेसडर के रूप में ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का प्रचार किया. दोनों अभिनेताओं के बारे में पुलिस ने कहा, ‘आरोप है कि वे कंपनी के ब्रांड एंबेसडर थे और ऐसे लोगों के बहकावे में आकर लोग निवेश करने के लिए मजबूर हो जाते हैं. शिकायत में उनके नाम दर्ज किए गए हैं. प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.

शीर्ष अदालत ने साफ किया कि जांच पूरी होने तक दोनों अभिनेताओं को किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी या पुलिस कार्रवाई से संरक्षण दिया जाएगा। सुनवाई के दौरान श्रेयस तलपड़े की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि अभिनेता को कंपनी के एक वार्षिक कार्यक्रम में केवल अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।

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