सत्या राजपूत,रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य के चार शहरों में पीएम ई बस सेवा योजना के तहत सार्वजनिक परिवहन के लिए 240 ई-बसों की स्वीकृति भारत सरकार ने प्रदान की है। अब राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा में शीघ्र ही ई-बस सेवा शुरू की जाएगी
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएम ई बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। योजना के तहत राज्यों को शहरो की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है। इसके तहत छत्तीसगढ़ नगरीय विकास विभाग की ओर से प्रेषित प्रस्ताव पर भारत सरकार ने रायपुर को 100, दुर्ग-भिलाई को 50, बिलासपुर को 50 तथा कोरबा को 40 इस प्रकार कुल 240 ई बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
भारत सरकार की यह योजना राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय सहायता को पारदर्शिता और उनके प्रदर्शन से जोडने की कोशिश का हिस्सा है। केंद्र सरकार की मंशा है कि यह योजना शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित हो, ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले।
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवा की इस अभिनव योजना में केंद्र सरकार की ओर से शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें एक बड़ा हिस्सा शहरों में बस डिपो जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा। योजना की सामान्य शर्तों में यह भी शामिल है कि प्रोजेक्ट के तहत दिए जाने वाले पैसे का थर्ड पार्टी ऑडिट अनिवार्य होगा, ताकि पूरी पारदर्शिता रहे।
पीएम ई बस सेवा योजना के अंतर्गत हर तीन महीने में बसों के संचालन का हिसाब-किताब देना होगा। योजना के तहत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएगी। शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। बीस से चालीस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख तथा पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई बसों की पात्रता थी, जिसके आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई बसें, दुर्ग भिलाई को 50 मीडियम ई बस, बिलासपुर को 35 मीडियम तथा 15 मिनी ई बस और कोरबा को 20 मीडियम तथा 20 मिनी ई बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार बसों का क्रय तथा संचालन एजेंसी का चयन केंद्र सरकार की ओर से किया जाएगा और केंद्रीय सहायता सुनिश्चित किलोमीटर संचालन के आधार पर दी जाएगी और अगर बसें इससे कम किलोमीटर चलती हैं तो केंद्रीय सहायता उसी के अनुपात में कम हो जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से शहरों के प्रदर्शन के आधार पर पैसा दिया जाएगा। अद्यतन शहरों द्वारा भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त किए जाने सिविल तथा पावर इंफ्रास्ट्रक्चर एवं संचालन के लिए मीटरिंग के डीपीआर तैयार किए जा रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि ई-बस सेवा प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार तथा पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ कम ऊर्जा खपत और बेहतर ईंधन दक्षता एवं नागरिकों को आरामदायक आवागमन की सुविधा सुलभ होगी।
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