अजयारविंद नामदेव, शहडोल। कभी-कभी कोई पुलिसकर्मी संवेदनशीलता व कर्तव्यपरायणता की एक ऐसी मिसाल बन जाता है जिससे वर्दी की शान ओर बढ़ जाती है और लोग कह उठते हैं कि, ‘वाह पुलिस हो तो ऐसा’। कुछ ऐसा ही शहडोल जिले की बुढार पुलिस के सराहनीय कार्य की जमकर तारीफ हो रहे है।

क्या है मामला

दरअसल, बुढार थाना क्षेत्र में झाड़ू बनाकर अपना जीवन यापन करने वाली महिलाओं से आधार कार्ड लेकर माइक्रो फाइनेंस कंपनी के नाम चोरी छुपे उनके नाम से लाखों का लोन करवा कर पैसा हड़पने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इसके साथ ही महिलाओं का पैसा वापस दिलाकर महिलाओं की खुशी और उनसे टूटे हुए रिश्ते को भी फिर जोड़ा है।

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ऐसे हुई ठगी का शिकार

बुढार थाना क्षेत्र की रहने वाली किरण कपाड़िया, आरती कपाड़िया, अनिता कापड़िया, द्रोपति चौधरी ले साथ अन्य ग्रहणी महिलाएं झाड़ू बनाकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं। इन सभी भोली-भाली महिलाओं को फ्यूजन और स्पंदना माइक्रो फायनेंस कंपनियों से संपर्क करके रेखा नामक महिला ने अपने जाल में फंसाया। जिसके लिए उसने एक महिलाओं का समूह बनाया और समूह के नाम पर शासन से सुविधा दिलाने के लिए महिलाओं का आधार, पैन और अकाउंट डिटेल ली। फिर फायनेंस कंपनी से महिलाओं के नाम पर 50-50 हजार के लोन का आवेदन किया।

टूटे रिश्ते

वहीं जब राशि महिलाओं के खाते में आई तो, रेखा ने यह राशि अपने पति की होने का बहाना बनाया और उसने पूरे रुपए ले लिए। जिसके बाद इस लोन की किस्त अब उन पीड़ित महिलाओं का भरना पड़ रहा था। जिसके कारण महिलाओं और उनके पतियों के बीच विवाद होने लगे। ऐसे में महिलाएं घर छोड़कर अपनें मायके चली गई, तो कुछ अपने रिश्तेदारों के घर।

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तंग आकर की शिकायत

इस दौरान पीड़ित महिलाओं ने खुद के साथ हुई ठगी की शिकायत बुढार थाने में की। शिकायत मिलने के बाद बुढ़ार पुलिस सक्रिय हुई और चंद घंटो में ही फर्जी खाते खोलने वाली महिला को न सिर्फ थाने लेकर आई, बल्कि माइक्रो फाइनेंस कंपनी के जिम्मेदारों को भी तलब किया गया। जमा की गई किश्ते महिलाओं को लौटाई गई और लोन की बाकी राशि जमा करवाकर एनओसी दिलवा दी गई। जिससे टूटते परिवार वापस जुड़ गए और बेबस महिलाओं के चेहरे पर फिर खुशियां लौट आई।

बुढार थाना प्रभारी संजय जायसवाल ने सामाजिक पुलिसिंग का अनूठा उदाहरण पेश करते हुए पीड़ित महिलाओं और उनके परिजनों के बीच लोन के मामले में उपजे विवाद की पहले तो सुलह करवाई। फिर ठग महिला व माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कारिंदों को बैठाकर समझौता करा उनका पैसा लौटाया।

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