लखनऊ. योगी सरकार ने होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट पर नेम प्लेट लगाना जरूरी कर दिया है और कहा कि दाल, जूस और रोटी जैसी खाने-पीने की चीजों में मिली गंदगी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि होटल-ढाबों में काम करने वाले कर्मचारियों की जांच की जाएगी. जिसको लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं. इस कदम को विपक्षी दल के नेता ने तानाशाही करार दिया है.
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बता दें कि होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट पर नेम प्लेट लगाने को लेकर सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, इस कदम का उद्देश्य दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की बिक्री कम करना और उनकी दुकानें बंद करवाना है. इसलिए यह तानाशाही कदम उठाया गया है.
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इतना ही उन्होंने ये भी कहा कि 2022 के उप्र विधानसभा चुनाव में सपा ने वादा किया था कि वह समाजवादी कैंटीन लाएगी, जहां 10 रुपये में साफ और पर्याप्त भोजन मिल सकेगा. अगर मुख्यमंत्री की मंशा सही है तो सरकार को दुकानें और ढाबे खोलने चाहिए, जहां एक व्यक्ति को 10 रुपये में भरपेट भोजन मिल सके.’
वहीं यूपी प्रेदश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि होटल, रेस्टोरेंट के मालिक की नेम प्लेट में जीएसटीआईएन नंबर पर पहले से ही सारी जानकारी दर्ज है और सरकार के पास भी है. जहां तक खाद्य पदार्थों की बात है, तो उनकी जांच होनी चाहिए. हर दुकान से हर महीने पैसे लेने की गलत प्रथा को सबसे पहले ठीक किया जाना चाहिए.
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