विक्रम मिश्र, लखनऊ. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन में बिहार में अच्छा प्रदर्शन किया था. जिसके बाद चिराग पासवान को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने अच्छा ओहदा भी दिया है. लेकिन ये गठबंधन अब खटाई में जाता हुआ दिखाई दे रहा है. क्योंकि लोक जनशक्ति पार्टी अब उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने और भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला कर रही है.
पिछले दिनों कौशांबी दौरे पर आए लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने दलितों के सम्मेलन को संबोधित किया था. जिसमें उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के विचार और उस विचारधारा से जुड़ने के लिए लोगों से अपील भी की थी.
लोजपा से सांसद अरुण भारतीय के मुताबिक भाजपा के साथ लोजपा का गठबंधन महज बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान ही था. न कि अन्य प्रदेश में. इसलिए पार्टी अपना प्रसार अन्य राज्यों में भी कर सकती है.
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लोजपा के एंट्री पर राजभर का बयान
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से जब लल्लूराम डॉट कॉम की चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि लोजपा जिस दलित वर्ग की हिमायती बनने की फिराक में है, उसकी बड़ी नेता के तौर पर बसपा प्रमुख बहन मायावती यहां पहले से ही मौजूद हैं. शेष अन्य दलित जातीय अन्य राजनैतिक दलों में अपना भविष्य तलाश रही है. जिस जाति समीकरण को साधने की कोशिश लोजपा कर रही है उसके रहनुमा लोग लगभग सभी सियासी दलों में सांसद, विधायक, जिला पंचायत और नगर पालिकाओं में निर्वाचित भी हैं. तो अब ये जाति उत्तर प्रदेश में नया प्रयोग के तौर पर भाजपा, बसपा और सपा को छोड़कर इनकी तरफ नहीं जाने वाली है.
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