रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) 2021 में हुए घोटाले की जांच में सीबीआई ने बड़ा कदम उठाया है। एजेंसी ने विशेष अदालत में लगभग 2000 पन्नों का पहला पूरक चालान दाखिल किया है। इसमें पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है।

इसे भी पढ़ें : CGPSC घोटाला मामला : रिटायर्ड IAS और पूर्व परीक्षा नियंत्रक समेत 5 गिरफ्तार, सीबीआई ने कोर्ट में किया पेश

सीबीआई ने अपने चालान में स्पष्ट किया है कि सोनवानी ने पद का दुरुपयोग करते हुए न केवल परीक्षा प्रक्रिया में धांधली की, बल्कि अपने परिवार के सदस्यों और प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया।

किन-किन नामों का खुलासा?

इस घोटाले में अब तक दर्जनभर से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, सोनवानी के बेटे-बहू समेत अन्य पारिवारिक सदस्य, श्री बजरंग पॉवर के पूर्व डायरेक्टर एस के गोयल, उनके पुत्र शशांक गोयल, बहू भूमिका गोयल, ललित गणवीर, दीपा आडिल और निशा कोसले जैसे नाम शामिल हैं।

सीबीआई ने चालान में इन सभी की गंभीर संलिप्तता का खुलासा किया है और बताया है कि प्रश्नपत्रों की हेराफेरी से लेकर फर्जी मेरिट सूची तैयार करने तक कई स्तरों पर भ्रष्टाचार किया गया। पूरक चालान दाखिल होने के बाद अब मामले की सुनवाई प्रक्रिया तेज होने की संभावना है।

इन लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी

CBI ने हाल ही में लोक सेवा आयोग की पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, पीएससी के पूर्व सचिव एवं पूर्व आईएएस जीवनलाल ध्रुव और उनके बेटे सुमित ध्रुव, साथ ही निशा कोसले और दीपा आदिल को गिरफ्तार किया है। इससे पहले सीबीआई ने 18 नवंबर को तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 10 जनवरी को पांच और आरोपियों को हिरासत में लिया गया, जिनमें नितेश सोनवानी (तत्कालीन अध्यक्ष का भतीजा, डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित) और ललित गणवीर (तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक, सीजीपीएससी) शामिल थे। इसके अतिरिक्त 12 जनवरी को शशांक गोयल और भूमिका कटियार (दोनों डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयनित) तथा साहिल सोनवानी (डिप्टी एसपी पद के लिए चयनित) को गिरफ्तार किया गया। वर्तमान में सभी आरोपी जेल में बंद हैं।

जानें क्या है सीजीपीएससी घोटोला

सीजीपीएससी घोटाला छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती प्रक्रिया में 2020 से 2022 के बीच हुई अनियमितताओं से जुड़ा मामला है। आरोप है कि इस दौरान आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों में योग्य अभ्यर्थियों की उपेक्षा कर, प्रभावशाली राजनेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के करीबियों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी तथा अन्य उच्च पदों पर चयनित किया गया। इस घोटाले ने प्रदेश की भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए। छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई। जांच एजेंसी ने छापेमारी कर कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए और पूर्व अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, तत्कालीन उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया। वर्तमान में यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में है।