Rajasthan News: राजधानी जयपुर के जमवारामगढ़ क्षेत्र में वनकर्मियों की कथित पिटाई से आहत होकर आत्महत्या करने वाले विक्रम मीणा मामले में तीन दिन से चला गतिरोध आखिरकार खत्म हो गया। शनिवार दोपहर प्रशासन, परिजनों और समाज के नेताओं के बीच लंबी बातचीत के बाद सहमति बन गई।

सहमति के तहत प्रशासन की ओर से विक्रम मीणा के परिवार को 21 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी और परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा नरेश मीणा ने निजी तौर पर 1 लाख रुपये, NSUI अध्यक्ष राकेश मीणा ने 1 लाख रुपये और पूर्व विधायक गोपाल मीणा की टीम ने 1.5 लाख रुपये देने का ऐलान किया। इस तरह कुल 23.5 लाख रुपये की सहायता राशि तय हुई।
परिवार को हर महीने 1200 रुपये की पेंशन दी जाएगी, जबकि विक्रम मीणा के बच्चों के लिए 18 वर्ष की आयु तक हर महीने 1500 रुपये की सहायता मिलेगी, ताकि उनकी शिक्षा और देखभाल बिना रुकावट जारी रह सके।
प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि डिप्टी प्रदीप द्वारा ग्रामीणों पर की गई लाठीचार्ज की घटना और वन विभाग के आरोपित कर्मचारियों की भूमिका की जांच 15 दिनों में पूरी की जाएगी। साथ ही आंदोलन में शामिल किसी ग्रामीण के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
यह विवाद तब शुरू हुआ था जब विक्रम मीणा की बकरियां वन क्षेत्र में चली गईं। परिजनों का आरोप है कि वनकर्मियों ने विक्रम की पिटाई की, 1100 रुपये का चालान काटा और उसकी पत्नी से बदसलूकी की। इस अपमान से आहत होकर विक्रम रायसर थाने पहुंचा, लेकिन वहां भी उसकी बात नहीं सुनी गई। थाने से लौटने के बाद उसने कंट्रोल रूम को कॉल कर आत्महत्या की बात कही और कुछ ही देर में उसका शव पेड़ से लटका मिला।
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