अमित पांडेय, खैरागढ़। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर ने एक बार फिर प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया. आस्था से जुड़े पीपल के पेड़ की कटाई के मामले में खैरागढ़ पुलिस ने त्वरित और सख्त कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
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मामला ग्राम सर्रागोंदी का है, जहाँ सड़क किनारे शासकीय भूमि पर स्थित पीपल का यह पेड़ बीते 30 वर्षों से ग्रामीणों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र रहा है. ग्रामीण हर दिन इसकी पूजा-अर्चना करते थे. लेकिन 5 अक्टूबर की सुबह खैरागढ़ निवासी इमरान मेमन पिता इकबाल मेमन ने अपने साथी प्रकाश कोसरे निवासी लालपुर के साथ मिलकर इस पूजनीय पेड़ को काटने की कोशिश की.

उस दिन ग्रामीणों के विरोध के कारण दोनों को पीछे हटना पड़ा, लेकिन अगले ही दिन 6 अक्टूबर की सुबह जब लोग वहां पहुंचे, तो पीपल का पेड़ पूरी तरह काटा जा चुका था. यह दृश्य देखकर ग्रामीणों की आंखों में आंसू और दिल में गुस्सा था. धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने की इस घटना से गांव में भारी आक्रोश फैल गया.
ग्रामीण प्रमोद पटेल ने थाना खैरागढ़ में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए अपराध क्रमांक 464/2025 दर्ज किया और धारा 298, 3(5) भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की, जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी इमरान मेमन को हिरासत में लिया.

पूछताछ में इमरान ने कबूल किया कि उसने अपनी खरीदी हुई जमीन के सामने शासकीय भूमि पर स्थित पीपल के पेड़ को हटवाने का मन बनाया था, ताकि उसका भूभाग समतल हो सके. इस काम में उसकी मदद प्रकाश कोसरे ने की, जिसने लकड़ी काटने की मशीन से पेड़ को काटा जबकि इमरान सड़क किनारे खड़ा होकर निगरानी करता रहा.
घटना के बाद दोनों आरोपी खैरागढ़ लौट आए और सबूत छिपाने के लिए मशीन को नदी में फेंक दिया. पुलिस अब गोताखोरों की मदद से उस मशीन की तलाश कर रही है. आरोपियों के पास से एक स्कूटी जब्त की गई है, और मामले में आगे धारा 238 BNS व शासकीय संपत्ति विरूपण अधिनियम भी जोड़ा गया है. दोनों आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया.

इस पूरे मामले को लेकर लल्लूराम डॉट कॉम ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर के प्रसारण के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मात्र 48 घंटे के भीतर दोनों आरोपी सलाखों के पीछे पहुँच गए. यह कार्रवाई इस बात का प्रतीक है कि-जब पत्रकारिता सच्ची और निडर हो, तो उसका असर सत्ता के गलियारों तक पहुंचता है.
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