देहरादून. उत्तराखण्ड के पौराणिक और आध्यात्मिक धरोहर स्थल आदि कैलाश की पवित्र छाया में आज राज्य की पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन का आयोजन किया गया. राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित यह आयोजन उत्तराखण्ड की साहसिक खेल क्षमता, प्राकृतिक धरोहर और पर्यटन संभावनाओं के नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.
बता दें कि 60 किलोमीटर लंबी अल्ट्रा रन आदि कैलाश से प्रारंभ हुई, जिसमें देश के 22 राज्यों के 700 से अधिक धावकों ने भाग लिया. ऊंचाई, कठोर मौसम और चुनौतीपूर्ण हिमालयी ट्रैक के बीच प्रतिभागियों ने अदम्य साहस, धैर्य और फिटनेस का अद्भुत प्रदर्शन किया. प्रतिभागियों ने उत्तराखण्ड सरकार और जिला प्रशासन द्वारा की गई उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि आईटीबीपी तथा भारतीय सेना का सहयोग और मार्गदर्शन अतुलनीय रहा, जिसने इस कठिन रूट पर आयोजन को सफल और सुरक्षित बनाया.
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प्रतिभागियों और स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश आगमन के बाद से इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों में तेजी आई है. प्रधानमंत्री के हिमालयी क्षेत्रों में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण और राज्य सरकार के सतत प्रयासों से सीमान्त क्षेत्र में साहसिक पर्यटन, धार्मिक पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है.
कार्यक्रम में सचिव पर्यटन धीराज गर्ब्याल, आईटीबीपी अधिकारी, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग के अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. आयोजन के दौरान स्थानीय जनता में भारी उत्साह देखने को मिला और हजारों लोगों ने धावकों का उत्साहवर्धन किया.
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रजत जयंती वर्ष के अवसर पर यह आयोजन उत्तराखण्ड की ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज हुआ है, जो राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में एडवेंचर टूरिज़्म और खेल संस्कृति को नई ऊँचाई प्रदान करेगा. आदि कैलाश जैसे पवित्र और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल से इस साहसिक पहल की शुरुआत को दूरगामी परिणामों वाला कदम माना जा रहा है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदि कैलाश में पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन के सफल आयोजन पर सभी प्रतिभागियों, आयोजनकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह आयोजन उत्तराखण्ड के लिए गर्व का क्षण है. आदि कैलाश जैसे पवित्र और आध्यात्मिक धाम में आयोजित यह ऐतिहासिक अल्ट्रा रन न केवल साहस और समर्पण की मिसाल है, बल्कि यह सीमान्त क्षेत्रों में साहसिक पर्यटन और खेल संस्कृति को नई दिशा देगा. राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह आयोजन उत्तराखण्ड के उज्ज्वल भविष्य और असीम संभावनाओं का प्रतीक है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और उनके द्वारा आदि कैलाश में किए गए दर्शन के बाद इस संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन और आध्यात्मिक गतिविधियों को अभूतपूर्व प्रोत्साहन मिला है. राज्य सरकार भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हिमालयी और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु निरंतर कार्य कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों का विकास हमारी प्राथमिकता है. अल्ट्रा मैराथन जैसे आयोजन न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देते हैं, बल्कि युवा पीढ़ी में साहसिक खेलों के प्रति उत्साह भी पैदा करते हैं. आगामी समय में उत्तराखण्ड साहसिक खेलों और पर्वतीय पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनेगा.
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