पटना। बिहार में विकास परियोजनाओं की गति तेज करने के लिए मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने गुरुवार को एक अहम बैठक की। मुख्य सचिव ने जमीन पर चल रही योजनाओं के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्य सचिव ने साफ कहा कि अब विभागों को कागजी प्रगति नहीं, मैदान में दिखने वाला काम चाहिए।
मुख्य सचिव ने खुद संभाली कमान
राज्य परियोजना अनुश्रवण समूह (एसपीएमजी) की बैठक में मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने 48 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की विभागवार समीक्षा की। इन परियोजनाओं में सबसे अधिक 28 परियोजनाएं जल संसाधन विभाग की थीं, जबकि सड़क निर्माण और नगर विकास विभाग की आठ-आठ परियोजनाएं शामिल थीं। इसके अलावा कृषि, पिछड़ा वर्ग-अति पिछड़ा वर्ग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण और ग्रामीण विकास विभाग की एक-एक परियोजना भी सूची में थी।
ग्राउंड विजिट अनिवार्य
मुख्य सचिव ने बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को कई निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने विभाग के इंजीनियरों से कहा कि हर महीने कम से कम पांच चल रही परियोजनाओं का स्थल निरीक्षण अनिवार्य किया जाए। उन्होंने चेताया कि योजनाओं की वास्तविक प्रगति केवल फील्ड विजिट से ही समझी जा सकती है।
तस्वीरें अपलोड करने का आदेश
मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने निर्देश दिया कि अधिकारी नियमित फील्ड विजिट करें और ताज़ा जीपीएस-सक्षम तस्वीरें एसपीएमजी पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि प्रगति की निगरानी पारदर्शी तरीके से हो सके। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं की धीमी रफ्तार से जनता का नुकसान होता है, और सरकार इसका समाधान समय पर चाहती है। यह बैठक इस संदेश के साथ खत्म हुई कि अब बिहार सरकार हर परियोजना की जमीन से लेकर फाइल तक निगरानी खुद करेगी।
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