कुमार इंदर, जबलपुर। सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को लेकर अक्सर आपने शिकायत ही सुनी होगी। लेकिन जबलपुर का एक स्कूल ऐसा भी है, जहां शिक्षक के प्रति छात्रों का ऐसा प्रेम है कि शिक्षक का ट्रांसफर आर्डर सुनते ही छात्रों ने आंदोलन छेड़ दिया। जी हां मामला जबलपुर के सिहोरा ब्लॉक के मद परसवाड़ा हाई सेकेंडरी स्कूल का है। जहां पर पदस्थ शिक्षक रामशरण बागरी का अतिशेष के तहत ट्रांसफर होने पर स्कूल के छात्रों ने आंदोलन छेड़ दिया है।

धरने पर बैठे स्कूल छात्र 

छात्रों का कहना है कि वह किसी भी हाल में अपने शिक्षक का ट्रांसफर नहीं होना देना चाहते।  छात्रों का कहना है कि यदि उनके शिक्षक को दूसरे स्कूल में भेजा गया तो वो इस स्कूल से नाम कटवाकर टीसी निकाल लेंगे। शिक्षकों के प्रति छात्रों का लगाव ऐसा है कि छात्र दो दिन से आंदोलन पर बैठे हुए हैं। यही नहीं छात्रों का कहना है कि यदि उनके शिक्षक को दूसरे स्कूल भेजा गया तो फिर भूख हड़ताल शुरू कर देंगे। 

2006 से इसी स्कूल में है पदस्थ 

जानकारी के मुताबिक 2006 से रामशरण बागरी इसी स्कूल में पदस्थ हैं। पिछले कुछ सालों से वे प्रभारी प्रिंसिपल का पद भी संभाल रहें हैं। 21 सितंबर को शिक्षक का ट्रांसफर ऑर्डर निकला था। इसकी सूचना जैसे ही छात्रों को लगी तो उन्होंने इसका विरोध कर धरने पर बैठ गए। हालांकि इस बाबत शिक्षक से जब बात की तो उनका कहना है कि यह छात्रों का उनके प्रति प्रेम है। वह इस मामले में कुछ भी नहीं कहना चाहते, शिक्षक का कहना है कि एक ट्रांसफर प्रशासन लेवल की प्रक्रिया है जिसे सबको मानना ही पड़ता है। लेकिन छात्र है कि अपने जिद पर अड़े हुए हैं।

शिक्षक को क्यों नहीं जाने देना चाहते छात्र 

खुशी पटेल, छात्रा 

छात्रा खुशी पटेल का कहना है कि रामशरण बागरी सर बहुत अच्छे शिक्षक है, उनके पढ़ाने का तरीका इतना अच्छा है। उनके रहने से इस स्कूल में अनुशासन है। छात्रा का मानना है कि उनके जाने से स्कूल में पढ़ाई का स्तर तो गिरेगा ही अनुशासन भी खत्म हो जाएगा। छात्रों का कहना है कि यदि उनके शिक्षक का ट्रांसफर हुआ तो अपनी-अपनी टीसी लेकर इस स्कूल से चले जाएंगे।

गंगा बर्मन, छात्रा 

वही स्कूल की एक छात्र गंगा बर्मन का कहना है कि यह सिर्फ स्कूल नहीं है यह मंदिर है और रामकिशोर बागरी सर हमारे भगवान है। छात्रा का कहना है कि उनके आने के पहले स्कूल का अस्तित्व नजर नहीं आता था। यहां पर गोबर होता था ना पढ़ाई होती थी। लेकिन उनके आने से स्कूल की तस्वीर बदल गई।

नामिनि लोधी, छात्रा 

वहीं स्कूल की एक छात्रा नामिनी लोधी का कहना है कि यदि हमारे स्कूल के सर का ट्रांसफर होता है तो वह भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। उनका कहना है कि सर का ट्रांसफर हुआ तो वह स्कूल के गेट पर ही धरना जारी रखेंगे।

मोनिका तिवारी

वहीं इसी स्कूल की एक छात्रा मोनिका तिवारी का कहना है कि जब से रामशरण बागरी सर इस स्कूल में आए हैं, ऐसा एक दिन नहीं गया जब किसी भी क्लास में पढ़ाई ना हुई हो। छात्रा का कहना है कि रामशरण सर के आने से स्कूल की हर एक कक्षा में बराबर पीरियड लगते हैं।

क्या है पूरा मामला 

शिक्षक रामशरण बागरी सिहोरा के इस सरकारी स्कूल में साल 2006 से पदस्थ हैं, और पिछले कुछ सालों से प्रभारी प्रिंसिपल का कार्य भी संभाल रहे हैं। यह स्कूल जबलपुर शहर से करीब 60 किलोमीटर दूरी पर बसा हुआ है। जहां पर अमूमन दूसरे टीचर जाने से कतराते हैं। लेकिन शिक्षक रामचरण बागरी में स्कूल का कायाकल्प कर दिया।

इस स्कूल की बात करें तो वर्तमान में 361 छात्रों की संख्या दर्ज है। छात्रों का कहना है कि स्कूल का रिजल्ट 80 से 90% के बीच में रहता है। जो कि जबलपुर जिले में तीसरे नंबर पर आता है। ऐसे में यदि उनके शिक्षक का ट्रांसफर हुआ तो उनके साथ अच्छा नहीं होगा।

इससे बढ़कर कोई सम्मान नहीं 

शिक्षक रामशरण बागरी

वहीं इस मामले में इस स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल रामशरण बागरी का कहना है कि बच्चों का यह प्रेम उनके लिए किसी सरप्राइज से कम नहीं है, उनका कहना है कि बच्चों ने मुझ में जो देखा और मुझसे जो पाया यह उसी का नतीजा है। वह मुझसे इतना प्रेम करते हैं। शिक्षक का कहना है कि उन्होंने बच्चों को बहुत समझाया लेकिन बच्चे नहीं मान रहे हैं।

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